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बोले जल संसाधन मंत्री- हर साल बाढ़ के कारण होता है खर्च, परमानेंट सॉल्यूशन पर हो रहा विचार

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Published : Sep 2, 2021, 8:16 PM IST

बिहार के भागलपुर में लोग बाढ़ (Bihar Flood) से त्रस्त हैं. ऐसे में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने भागलपुर पहुंचकर बाढ़ग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए. पढ़ें पूरी खबर..

Flood In Bhagalpur
Flood In Bhagalpur

भागलपुर:बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री सह सूचना एवं जन- सम्पर्क विभाग के मंत्री संजय कुमार झा (Minister Sanjaya Kumar Jha) बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने भागलपुर (Flood In Bhagalpur) पहुंचे. मंत्री संजय कुमार झा ने नवगछिया इलाके में जहान्वी चौक से इस्माइलपुर तक निर्माणाधीन तटबंध का निरीक्षण किया.

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निर्माणाधीन तटबंध का निरीक्षण करने के अलावा उन्होंने जहान्वी चौक से गंगा प्रसाद जमींदारी बांध, लक्ष्मीपुर से गंगा प्रसाद जमींदारी बांध, बिंदटोली तटबंध सहित अन्य कई बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया. वहीं 2005 से ही इस्माइलपुर से बिंद टोली तक तटबंध के निर्माण और मरम्मती में अरबों रुपए की राशि अब तक खर्च हो चुकी है. बावजूद इसके इस बार यह बांध टूट गया और इसके टूटने के बाद बाढ़ ने क्षेत्र में काफी ज्यादा तबाही मचाई है.

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गंगा और कोशी नदी के जल प्रलय से इस बार न सिर्फ नवगछिया बल्कि भागलपुर की शहरी आबादी और इससे सटे सबौर इलाके में भी चारों ओर तबाही का मंजर है. यही नहीं भागलपुर कहलगांव की एनएच 80 सड़क को भी बाढ़ ने काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं मंत्री संजय झा ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने के उपरांत भागलपुर परिसदन में पहुंचकर विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया.

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा की बटेश्वर में चल रहे गंगा पंप नहर योजना पर भी अक्टूबर में कार्य शुरू किया जाएगा. साथ ही साथ गंगा के किनारे बसे हुए सभी जिले जोकि फरक्का बराज के वाटर डिस्चार्ज कम होने की वजह से सफर कर रहे हैं वैसा प्रस्ताव केंद्र में बनाकर भेजा गया है कि उस बराज को 2700000 क्यूसेक वॉटर की कैपेसिटी से बढ़ाकर ज्यादा कर दिया जाएगा. साथ ही मंत्री ने बताया कि निरीक्षण का मुख्य कारण है इस्माइलपुर बिंद टोली में हर साल जल संसाधन विभाग को काम करवाना पड़ता है. इसका परमानेंट सॉल्यूशन क्या है इसपर विचार करने के लिए यह दौरा मुख्य रूप से आधारित है.

बांध डूबने का कारण मक्के का कंडा होता है जो कि बांध के बगल में किसानों के द्वारा रखा जाता है. उसमें चूहा मिट्टी खोदकर सुराख कर देता है जिस कारण से इंजीनियर भी उसका पता नहीं लगा पाते हैं और पानी का वहां से रिसाव होने लगता है. बांध के काम में देरी के कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है. दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.-संजय कुमार झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार

साथ ही साथ कई तटबंध एवं बांध के मरम्मत एवं निर्माण को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए.इस दौरान उन्होंने गंगा से हुए कटाव और उसके बचाव के लिए किये गये कार्यों के बारे में अधिकारियों से विस्तारपूर्वक जानकारी ली. इसके पश्चात जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इंजीनियरिंग कॉलेज, डीपीएस और कृषि महाविद्यालय सहित अन्य का भी निरीक्षण किया. वहीं दूसरी ओर मंत्री संजय कुमार झा ने विभाग के अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं.

बता दें कि संजय कुमार झा का स्वागत नवगछिया के हाई स्कूल में हुआ. वहीं पर उनका हेलीपैड बनाया गया था जहां से उन्होंने बाय रोड सभी तटबंधों का निरीक्षण किया. अपने दौरे में उन्होंने 3 बांधों को सम्मिलित किया था जहां उन्होंने निरीक्षण किया.

बता दें कि भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर नीचे है फिर भी जिले के 346 गांव पानी से घिरे हैं. बाढ़ प्रभावित 14 प्रखंडों की 139 पंचायत की 9.318 लाख आबादी की मुश्किलें अभी भी कम नहीं हुईं हैं. जिले में 9 बाढ़ आपदा राहत केंद्र में से 5 को बंद कर दिया गया है. 254 सामुदायिक रसोई में 244 को बंद कर दिया गया है. अब केवल 10 सामुदायिक किचन चल रहे हैं. ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

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