भागलपुर:भागलपुर में जहरीली शराब से मौत (Death due to poisonous liquor in Bhagalpur) मामले में पुलिस एक्शन में है. पुलिस ने सागर चौधरी और सचिन चौधरी को 21 मार्च को शराब बरामदगी के केस में गिरफ्तार किया है. पूछताछ में इन्होंने मिथुन और अरविंद को होली के दिन शराब बेचने की बात स्वीकार की है. अरविंद यादव मोहल्ला साहेबगंज थाना यूनिवर्सिटी मायागंज अस्पताल में भर्ती है.
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शराबकांड का कबूलनामा: अरविंद यादव ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि 18 तारीख को होली के दिन वो और मिथुन कुमार दोनों सागर चौधरी और सचिन चौधरी से दो हाफ बोतल शराब खरीद कर लाये थे. इन दोनों के साथ अभिषेक कुमार भी आ गया था, सभी ने मिलकर शराब पी थी. 20 मार्च से मायागंज अस्पताल में इलाजरत अभिषेक कुमार ने अभी तक पुलिस को बयान नहीं दिया है.
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शराब माफिया गिरफ्तार:अरविंद ने बताया कि इन लोगों ने शराब श्याम चौधरी और उसके दो बेटों सागर चौधरी और सचिन चौधरी से खरीदी थी, जिसके सेवन से ये लोग बीमार हो गए. इनसे पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि इनको शराब की सप्लाई सतीश चौधरी और सोनू कुमार साह उर्फ लोहा सिंह के द्वारा की जाती थी. ये दोनों लोग गोड्डा से सस्ती विदेशी शराब लाकर सप्लाई करते थे. सोनू साह को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने पूछताछ में सतीश चौधरी के साथ मिलकर गोड्डा से शराब लाकर सप्लाई करने की बात स्वीकार की है. सतीश चौधरी के पिता विनोद चौधरी को शराब के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
मृतक का विसरा प्रिजर्व: जहरीली शराब से मिथुन की मौत 20 तारीख को हो गई थी. पोस्टमार्टम में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं होने पर विसरा प्रिजर्व कर लिया गया है. मिथुन के परिजनों ने मौत के कारण के विषय मे जानकारी नहीं होने की बात पुलिस को बताई थी. अभिषेक के पिता ने भी बीमारी के कारण के विषय में अनभिज्ञता जाहिर की थी. दोनों के परिजनों के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई थी.
संगीन धाराओं में केस दर्ज: सतीश चौधरी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी (Raids for arrest of Satish Choudhary) की जा रही है. अरविंद यादव के बयान के आधार पर श्याम चौधरी, सागर चौधरी, सचिन चौधरी, सतीश चौधरी, सोनू सह उर्फ लोहा सिंह और अन्य के विरुद्ध हत्या, हत्या का प्रयास, जहरीले पदार्थ को खिलाकर नुकसान पहुंचाना, आपराधिक षड्यंत्र रचना आदि धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है.
ड्राई स्टेट की दावों की खुली पोल: बता दें कि बिहार सरकार के ड्राई स्टेट की दावों की शराब माफियाओं ने एक बार फिर पोल खोलकर रख दी. एक बार फिर शराबबंदी का राग आलापने वाली नीतीश सरकार के नाक के नीचे ही शराब ने कई जिंदगियों को छीन लिया. होली में नशेड़ियों को जो कुछ मिला वो गटक लिया. बिहार में कथित जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है. भागलपुर, बांका, मोतिहारी और सिवान में जहरीली शराब ने तांडव मचाया हुआ है. शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है.
बिहार में पूर्ण शराबबंदी के 6 साल: बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. राज्य में पूर्ण शराबबंदी को लागू हुए 6 साल बीत चुके हैं. इन 6 सालों के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन बीता हो जिस दिन बिहार के शराबबंदी कानून तोड़ने की खबर ना आई हो. पुलिस की सख्ती के बावजूद शराबबंदी वाले बिहार में शराब धड़ल्ले से बिक रही है. होली पर जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिलों में अब कर 41 मौत हो चुकी हैं, साथ ही 24 से ज्यादा लोगों का इलाज जारी है. इनमें कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है.
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