भागलपुर:जिले में कोरोना के बढ़ते मामले के कारण जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल को राज्य सरकार ने कोविड डेडीकेटेड अस्पताल घोषित किया है. ऐसे में यहां इमरजेंसी वार्ड में भर्ती गैर कोरोना मरीजों को परेशानी हो रही है. साथ ही उनमें भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है. जिसको देखते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने भागलपुर के सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान अस्पताल के विक्टोरिया भवन में 50 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाने के निर्देश दिए. जिससे कि मायागंज अस्पताल में इलाजरत मरीजों का इलाज यहां किया जा सके. वहीं, विक्टोरिया भवन में चल रहे सभी प्रशासनिक दफ्तर को दूसरी जगह शिफ्ट करवाया.
डीएम ने सदर अस्पताल का किया निरीक्षण, 50 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाने के दिए निर्देश
जिले में कोरोना के बढ़ते मामले के कारण जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल को राज्य सरकार ने कोविड डेडीकेटेड अस्पताल घोषित किया है. ऐसे में यहां के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती गैर कोरोना मरीजों में भी कोरोना संक्रमण फैलना का खतरा बन गया है. जिसको देखते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने भागलपुर के सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान अस्पताल के विक्टोरिया भवन में 50 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाने के निर्देश दिए.
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50 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाने का दिया निर्देश
जिलाधिकारी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल को पूरी तरह से कोविड अस्पताल घोषित किया गया है. इस वजह से वहां इलाजरत और इमरजेंसी वार्ड के गैर कोरोना संक्रमित मरीजों को सदर अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल के अधिकारी को निर्देश दिया है कि विक्टोरिया भवन में चल रहे सभी प्रशासनिक दफ्तर को दूसरी जगह शिफ्ट कर 50 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाए. डीएम ने कहा कि जब कोविड समाप्त हो जाएगा तो विक्टोरिया भवन को एक नए लुक में बदला जाएगा. उसे रिपेयरिंग कर बेहतर सुविधा के साथ पेईंगवार्ड बनाया जाएगा.
सदर अस्पताल में मायागंज अस्पताल के डॉक्टरों की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है. कई डॉक्टरों के रोस्टर ड्यूटी भी बनाई गई है. यहां 700 बेड पर अब केवल कोविड मरीज का इलाज किया जा रहा है, लेकिन एआरटी सेंटर और पीएसएम विभाग चालू है. पुलिस केस या एक्सीडेंटल मरीजों को यहां भर्ती किया जा रहा है और प्राथमिक इलाज करने के बाद सदर अस्पताल रेफर किया जाता है.