बेगूसराय: बिहार की औद्योगिक राजधानी कहा जाने वाला बेगूसराय शहर, स्मार्ट सिटी की लिस्ट में अपना दावा पेश कर रहा है. इसमें सबसे बड़ी बाधा बेगूसराय स्टेशन पर वर्षों से कार्यरत रैक प्वाइंट है.
इससे ना सिर्फ लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है बल्कि शहर पर अतिरिक्त ट्रैफिक का बोझ भी है. साफ शब्दों में कहें तो रैक प्वाइंट बेगूसराय के चेहरे पर एक बदनुमा दाग सा प्रतीत होता है.
प्लेटफार्म 3 के रैक प्वाइंट में तब्दील होने के बाद हो रही समस्याएं
प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित बेगूसराय शहर पौराणिक काल से वर्तमान काल तक अपनी सुंदरता और समृद्धि के लिए जाना जाता है. कई बड़े-बड़े औद्योगिक संयंत्र लगने के बावजूद भी बेगूसराय को प्रदूषित शहर नहीं समझा जाता था. हाल के दिनों में जिस तरीके से प्लेटफार्म संख्या 3 को रैक प्वाइंट में तब्दील कर दिया गया है. जिससे कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. जो बेगूसराय की आम-आवाम से सीधा ताल्लुक रखती हैं.
प्लेटफार्म पर उड़ती धूल के कारण परेशान यात्री रैक प्वाइंट संचालित किए जाने से हो रहीं समस्याएं
- प्लेटफार्म संख्या दो और तीन पर सीमेंट और बालू के धूल के गुबार के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ.
- ट्रेन आने पर धूल और धुएं के कारण कई बार यात्री दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं.
- रेलवे स्टेशन के बगल के मोहल्ले लोहिया नगर, बाघा और स्टेशन रोड के लोगों को भी प्रदूषण की वजह से बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.
- प्लेटफार्म 3 पर संचालित रैक प्वाइंट की वजह से करोड़ों की लागत से स्वीकृत मॉडल स्टेशन की परिकल्पना टेंडर होने के बावजूद भी साकार नहीं हो पा रही है.
- शहर में अनावश्यक लोगों के प्रवेश करने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा होता है और लोगों का महत्वपूर्ण समय भी बर्बाद हो रहा है.
- प्लेटफार्म संख्या तीन पर रैक प्वाइंट का इस्तेमाल होने से एक दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव बेगूसराय स्टेशन पर नहीं किया जा रहा है.
- रैक प्वाइंट की वजह से प्लेटफार्म संख्या 2 पर किसी भी नल में पीने के पानी की सप्लाई नही दी जा रही है.
- रैक प्वाइंट की वजह से अत्यधिक राजस्व का लक्ष्य प्राप्त करने के बावजूद भी स्टेशन को ए ग्रेड स्टेशन का दर्जा नहीं मिल पा रहा है.
- रैक प्वाइंट की वजह से फैले प्रदूषण और अराजकता के कारण स्मार्ट सिटी की दावेदारी में बेगूसराय काफी पीछे चल रहा है.
जानकारी देते विष्णुदेव सिंह
चरमरा जाती है ट्रैफिक व्यवस्था
शहर के बीचों-बीच दो भागों में विभक्त करने वाली रेल्वे लाइन के उत्तरी भाग यानी कि बेगूसराय स्टेशन के उत्तरी हिस्से पर टिकट काउंटर नही होने और यात्री सेड आदि का निर्माण नहीं होने के कारण हजारों की संख्या में यात्री आरओबी के जरिए प्लेटफार्म संख्या एक पर जाकर टिकट कटाते हैं. वापस प्लेटफार्म संख्या दो पर आकर ट्रेन पकड़ते हैं. जिससे ना सिर्फ यात्रियों में अफरा-तफरी का माहौल होता है. हजारों की संख्या में लोगों को इस पार से उस पार जाने की वजह से NH-31, स्टेशन रॉड, ट्रैफिक चौक आदि स्थानों पर ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है.
ईटीवी भारत ने सुनी लोगों की समस्याएं
बता दें कि बेगूसराय से सटे तिलरथ स्टेशन पर रैक प्वाइंट बनने के बावजूद भी यहां से रैक प्वाइंट निजी स्वार्थों के कारण शिफ्ट नहीं किया जा रहा है. रेल यात्रियों की होने वाली समस्याओं से जुड़ी बातों को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बेगूसराय स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या दो और तीन का जायजा लिया. जहां तस्वीरें काफी चौंकाने वाली थीं. इस बाबत रेल उपभोक्ता समिति के सदस्य काफी चिंतित हैं. उनके मुताबिक रेल यात्रियों और बेगूसराय के आम लोगों के लिए अभी सबसे बड़ी समस्या फॉर्म संख्या तीन पर संचालित रैक प्वाइंट है. ना सिर्फ इसे प्रदूषण का लेवल काफी बदतर हो गया है. बल्कि हर अराजकता के लिए यह रैक प्वाइंट ही जवाबदेह है.