बेगूसराय: कन्हैया कुमार देश की बेहद चर्चित शख्सियत हैं. भारत की सियासत में इस नाम के सहारे वामपंथियों ने नया मुकाम हासिल करने की रणनीति बनाई थी. बीजेपी के विरोधियों को ये शख्स तुरुप का इक्का नजर आ रहा था. लेकिन, वामपंथियों का गढ़ मानी जाने वाली बेगूसराय लोकसभा सीट पर भाकपा नेता कन्हैया कुमार को बीजेपी के गिरिराज सिंह ने चार लाख से भी ज्यादा वोट से पटखनी दे दी.
मसनदपुर में कन्हैया कुमार का पैतृक घर
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार का पैतृक घर बेगूसराय जिले के बिहट स्थित मसनदपुर है. गांव के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई पूरी कर कन्हैया ने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली के जेएनयू तक का सफर तय किया. यहां अपनी काबिलियत की बदौलत वे छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए.
कन्हैया पर लगे देशद्रोह के आरोप
हालांकि उसी दौरान कन्हैया पर देशद्रोह के आरोप लगे और इसके बाद वो सुर्खियों में आ गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला करने के कारण वो बीजेपी विरोधी पार्टियों की पसंद भी बन गए. शायद यही कारण था कि लोकसभा चुनाव के दौरान कन्हैया के समर्थन में प्रचार के लिए मोदी-विरोधी कई फिल्म स्टार बेगूसराय पहुंचे.
कन्हैया कुमार पर ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट वोटों के ध्रुवीकरण ने कन्हैया को चखाया हार का स्वाद
बेगूसराय में चुनाव के शुरुआती दौर में आरजेडी के तनवीर हसन, बीजेपी के गिरिराज सिंह और सीपीआई के कन्हैया कुमार के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. लेकिन धीरे-धीरे वोटों के ध्रुवीकरण ने मुकाबले को एकतरफा कर दिया. इस कारण कन्हैया के बेगूसराय से भी हार का सामना करना पड़ा.
NRC और CAA खिलाफ प्रदर्शन में कन्हैया कुमार कम समय में कन्हैया कुमार ने कमाया बड़ा नाम
बिहार के बेगूसराय के छोटे से गांव से निकलकर जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष और बेगूसराय संसदीय सीट पर मजबूत दावेदारी पेश कर कन्हैया कुमार ने काफी कम समय में बड़ा नाम कमाया. देखना होगा कि आने वाले साल में उनका राजनीतिक करियर कितना आगे बढ़ पाता है.