पटना: बिहार में लगातार हो रही जहरीली शराब से मौत के बाद अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संवेदनशील बनने की नसीहत दी है. अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में गिरिराज सिंह ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते (Giriraj Singh Targeted CM Nitish Kumar) हुए कहा कि बिहार में शराब से मौत के बाद मुख्यमंत्री जी अपने बयानों के माध्यम से जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते, क्योंकि अगर शराबबंदी कानून उन्होंने लागू किया है तो फिर इसका अनुपालन भी पूर्णता सही ढंग से होना चाहिए. उन्होंने नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा कि इस मामले में सीएम को संवेदनशीलता बरतनी चाहिए.
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'सर्वप्रथम इसमें समीक्षा की जरूरत है कि आखिर शराब बिहार में आ कैसे रही है, और उसके बाद उस पर पूर्णतः पाबंदी की आवश्यकता है. जिसके लिए इन्हें कराई से इस दिशा में कार्य करना चाहिए. एक संवेदनशील मुख्यमंत्री के रूप में आप अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ नहीं सकते. यही बात जिस वक्त तेजस्वी यादव विपक्ष में थे तो उन्होंने भी कही थी, लेकिन आज दोनों एक साथ खड़े हैं तो जिम्मेदारी पालन करना चाहिए.'- गिरिराज सिंह- केंद्रीय मंत्री
सारण में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत :गौरतलब है किसारण में जहरीली शराब पीने से हाल के दिनों में अब तक 18 लोगों की मौत हो (Hooch tragedy In Bihar ) चुकी है. जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रही है. बावजूद इसके ना तो जहरीली शराब पीने से मौतों का सिलसिला रूक रहा और ना ही शराब पर रोक लग पा रही है. इधर, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है. बता दें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू है. लेकिन बड़े पैमाने पर शराब दूसरे राज्य से चोरी छिपे विभिन्न साधनों से लाकर उसका सेवन, निर्माण, बिक्री और भंडारण करने की घटना प्रकाश में आई है. इनमें सर्वाधिक खतरनाक मिलावटी शराब का निर्माण और सेवन है.
बिहार में है शराबबंदी : शराब के जल्द निर्माण के लिए शराब कारोबारी देशी शराब, मिलावटी शराब, ताड़ी, स्प्रीट बनाने के क्रम में मिलावटी पदार्थों, दवाओं, रसायनिक पदार्थ जैसे नौसादर, यूरिया एवं बेलियम-10 टेबलेट आदि के मिश्रण से जहरीला शराब निर्मित करते हैं. इस प्रकार के शराब के सेवन से काफी संख्या में शराब पीने वालों की मृत्यु होने की संभावना रहती है. जिसे “हुच ट्रेजडी“ कहा जाता है. प्रशासन इस पर रोक लगाने के लिए मद्य निषेध अधिनियम कड़ाई से पलान करने के लिए कार्रवाई करती है लेकिन शराब माफिया जहरीली शराब बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं.