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बिहार के बेगूसराय में महेन्द्र सिंह धोनी पर FIR, जाने क्या है पूरा मामला

बिहार के बेगूसराय में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) समेत 8 पर परिवाद दायर हुआ है. मामला चेक बाउंस से जुड़ा हुआ है. इस मामले में अब 28 जून को अगली सुनवाई होगी. पढ़ें पूरी खबर

महेन्द्र सिंह धोनी
महेन्द्र सिंह धोनी

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Published : May 30, 2022, 3:39 PM IST

बेगूसराय :भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Fir against Mahendra Singh Dhoni) समेत आठ लोगों पर बिहार के बेगूसराय सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज हुआ है. यह मामला उत्पाद के लिए सीएनएफ देने और फिर वापस कर 30 लाख का चेक बाउंस होने का मामला है. बताया जा रहा कि धोनी उस उत्पाद का प्रचार करते हैं और कंपनी के चेयरमैन भी है.

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चेक बाउंस जुड़ा है मामला :बताया जाता है कि डीएस इंटरप्राइजेज (DS Enterprises) के प्रोप्राइटर ने बेगूसराय सीजेएम कोर्ट (Begusarai CJM Court ) में यह मामला दर्ज कराया है. न्यायालय ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई के बाद इस मामले को न्यायिक दंडाधिकारी अजय कुमार मिश्रा के न्यायालय में भेज दिया, जहां मामले की अगली सुनवाई 28 जून को होगी.

बेगूसराय सीजेएम कोर्ट

धोनी समेत 8 के खिलाफ FIR :इस मामले में परिवादी नीरज कुमार निराला ने बेगूसराय व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रूम्पा कुमारी के अदालत में न्यू ग्लोबल उपजवर्धक इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली, कंपनी के चेयरमैन महेंद्र सिंह धोनी, सीईओ राजेश आर्या, निदेशक (अकाउंट एडमिनिस्ट्रेशन) महेंद्र सिंह, मार्केटिंग हेड अर्पित दुबे, एडी इमरान बिन जफर, मार्केटिंग मैनेजर वंदना आनंद एवं मार्केटिंग स्टेट हेड बिहार अजय कुमार के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 406, 120 (बी) एवं एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया है.

क्या है पूरा मामला? : मामले में परिवादी डीएस इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर नीरज कुमार निराला का आरोप है कि 2021 में उसने न्यू ग्लोबल उपजवर्धक इंडिया लिमिटेड का सीएनएफ लिया. सीएनएफ लेने के लिए 36 लाख 86 हजार रूपया कंपनी को दिया और कंपनी ने परिवादी को फर्टिलाइजर भेज दिया. लेकिन कंपनी के असहयोग के कारण फर्टिलाइजर बेचने में परेशानी होने लगी. इसी को लेकर परिवादी और कंपनी के बीच विवाद शुरू हो गया. जिसके बाद कंपनी ने 30 लाख का चेक देते हुए सभी फर्टिलाइजर वापस मंगवा लिया. लेकिन, कंपनी का दिया गया चेक बैंक एकाउंट में पैसा नहीं रहने के कारण बाउंस हो गया. जिसके बाद संबंधित अधिकारियों को लीगल नोटिस भेजा गया. लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिलने पर परिवादी ने कोर्ट में सभी आरोपित और कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.

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