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साथी हाथ बढ़ाना; सरकार ने नहीं की मदद तो खुद पुल बना रहे ग्रामीण - Government Help

पुल की कमी के कारण लोगों को काफी दिक्कतों  का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. सरकार से अपील कर गांववाले थक चुके. जिसके बाद गांव का हर एक सदस्य पुल निर्माण में जुट गया है.

पुलनिर्माण में श्रमदान करते बच्चे

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Published : Jul 23, 2019, 8:14 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 8:24 PM IST

बेगूसराय: जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बखरी प्रखंड में विजयलख गांव के लोग अब सुशासन सरकार और अधिकारियों के आश्वासन से तंग आ चुके हैं. इससे आजिज आ कर ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर पुल बनाने का काम शुरु कर दिया है. पिछले एक साल से ग्रामीण पुल निर्माण में लगे हैं, लेकिन अबतक सरकारी मदद नहीं मिल सकी है.

श्रमदान और चंदा इकट्ठा कर ग्रामीण कर रहे पुल का निर्माण

सरकारी उदासीनता से लोग परेशान
ग्रामीण बताते हैं कि देश को आजादी के भले ही दशकों पूरे हो गए हों. लेकिन सुविधा के नाम पर सरकारी उदासीनता यहां साफ झलकती है. गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली पुलिया का भी निर्माण अब तक नहीं हो सका है.

पुल निर्माण में लगे ग्रामीण

कई लोगों की हो चुकी है मौत
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की कमी के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है. सरकार और स्थानीय प्रशासन से पुल निर्माण की गुहार लगाकर गांव वाले थक चुके हैं. लेकिन, अबतक इनकी अर्जी पर विचार नहीं किया गया. जिसके बाद गांव वालों ने फैसला किया और खुद ही पुल निर्माण में लग गए.

ग्रामीण महिलाएं कर रहीं भिक्षाटन

ग्रामीण महिलाएं कर रहीं भिक्षाटन
एक साल से निर्माणाधीन इस पुल के लिए पैसों की कमी कई बार रोड़ा बनती है. इससे बचने के लिए ग्रामीण महिलाएं अपने गांव समेत आस-पास के दूसरे गांवों में भिक्षाटन कर रही हैं ताकि पैसे इकट्ठा कर पुल निर्माण कराया जा सके.

श्रमदान करते बच्चे

शारीरिक तौर पर भी योगदान
ग्रामीणों की पहल बस यहीं नहीं रुकी है. इन सबके अलावा गांव के बच्चे, युवा, महिलाएं, पुरुष सभी पुल निर्माण में श्रमदान कर रहे हैं. निर्माण में ना केवल आर्थिक बल्कि शारीरिक तौर पर भी वे अपना योगदान दे रहे हैं. निश्चित ही विजयलख गांव अपने आप में मिसाल पेश कर रहा है.

Last Updated : Jul 23, 2019, 8:24 PM IST

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