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गांधी मैदान बम धमाका: 'मोदी जी इंसाफ तो मिला, लेकिन सरकारी नौकरी देने का आपका वादा कब पूरा होगा'

गांधी मैदान बम धमाका (Gandhi Maidan Bomb Blast) जान गंवाने वाले विंदेश्वरी चौधरी (Vindeshwari Choudhary) के परिजनों का कहना है कि कोर्ट के फैसले से हमें इंसाफ तो मिल गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की ओर से किया गया वादा अबतक पूरा नहीं हो पाया है.

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Published : Nov 1, 2021, 10:58 PM IST

Gandhi Maidan Bomb Blast Case
Gandhi Maidan Bomb Blast Case

बेगूसराय: पटना के गांधी मैदान बम धमाका (Gandhi Maidan Bomb Blast Case) मामले में आखिरकार सोमवार को दोषियों को सजा सुना दी गई.कोर्ट के फैसले से मृतक के परिजनों में खुशी है, लेकिन अबतक उनसे किए गए वादे पूरे नहीं होने से मायूसी भी है. बेगूसराय (Begusarai) के विंदेश्वरी चौधरी (Vindeshwari Choudhary) के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से सरकारी नौकरी देने की बात याद दिलाई है.

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27 अक्टूबर 2013 को नरेंद्र मोदी की 'हुंकार रैली' में हुए बम धमाकों में बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर थाना अंतर्गत तारा बरियारपुर के विंदेश्वरी चौधरी की भी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद मोदी ने उनके परिजनों से मुलाकात की थी. उस दौरान उनकी ओर से परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी. जाते समय उन्होंने सत्ता में आने पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अबतक वादा अधूरा है.

पटना सीरियल ब्लास्ट

मृतक विंदेश्वरी चौधरी की बहू रंजू देवी कहती हैं कि उस समय नरेंद्र मोदी आए थे और हमें आर्थिक मदद दी थी. उन्होंने भरोसा दिलाया था कि परिवार के सदस्यों की तरह ही उनका हमेशा ख्याल रखेंगे. जब हमने उनके गुजारिश की थी कि हमें सरकारी नौकरी दिला दें तो उन्होंने इस बारे में भरोसा दिलाया था, लेकिन उसके बाद से इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई. एक नेता दूसरे पर आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.

विंदेश्वरी चौधरी के बेटे अजय चौधरी कहते हैं कि हम जब किसी बीजेपी नेता से अपने जीवनयापन के लिए रोजगार मांगने जाते हैं तो हमें वहां से दूसरे नेता के यहां भेज दिया जाता है. अब हम अपने गरीबी के कारण पटना तक जाने में भी असमर्थ हैं. पंचायत की राजनीति में इनके परिवार को सरकारी खाद्यान्न योजना से भी वंचित कर दिया गया है.

वहीं, एनआईए (NIA) कोर्ट के इस फैसले से बीजेपी नेताओं में भी खुशी साफ झलक रही है. स्थानीय पार्टी नेता साकेत कुमार कहते हैं कि हमें खुशी है कि जिन आतंकियों ने लोगों की जान ली, उन्हें अदालत से कड़ी सजा सुनाई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों की मौत हुई थी, उन्हें एक बार फिर हमलोग अपनी श्रद्धांजलि देते हैं.

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आपको बताएं कि इस मामले में 9 दोषियों को सजा सुना दी गई है. इनमें से 4 को फांसी की सजा सुनाई गयी है. 2 को आजीवन कारावास, दो को 10-10 साल की सजा और 1 को 7 साल की सजा दी गई है. 27 अक्टूबर 2013 को सिर्फ 12 मिनट के अंदर 6 धमाके हो गए. चारों तरफ अफरातफरी का माहौल था. कुछ लोगों की मौत हो गई थी और कुछ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हालात ये थे कि अफरातफरी के बीच धमाकों की आवाज दब गयी थी. दिखाई दे रहा था तो बस धुएं का गुबार. अब इस फैसले के बाद मृतकों के परिजन खुश हुए हैं. सभी ने कहा कि अब शांति मिली है.

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