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रोहतास : एकमात्र कुष्ठ रोग अस्पताल में नहीं पहुंच रहे मरीज

जिले का इकमात्र कुष्ठ अस्पताल सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस है. इसके बावजूद भी यहां मरीजों की संख्या कम रहती है.

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Published : Jun 8, 2019, 9:10 PM IST

कुष्ठ रोग अस्पताल में नहीं पहुंच रहे मरीज

रोहतास: जिले का एक मात्र कुष्ठ अस्पताल इन दिनों मरीजों के अभाव में खाली पड़ा है. लिहाजा जानकारी के अभाव में यहां पर कुष्ठ रोग के मरीज नहीं पहुंच पा रहे हैं.

मरीजों में जानकारी का अभाव
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय के डेहरी प्रखंड में डेमियन फाउंडेशन इंडिया ट्रस्ट कुष्ट रेफरल की इकाई मौजूद है. यहां कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है. दूर-दूर से मरीज इलाज कराने यहां पहुंचते है, लेकिन अस्पताल के प्रचार-प्रसार के अभाव में यहां पर काफी कम संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं.

जानकारी देते अस्पताल प्रबंधक

यहां मरीजों का मुफ्त में होता है इलाज
यह अस्पताल एक संस्थान के द्वारा चलाया जाता है. बिहार सरकार के कुष्ठ निवारण इकाई की तरफ से भी इसे सपोर्ट किया जाता है. इसके तहत मरीजों को मुफ्त में खाना-पीना और रहने की समुचित व्यवस्था दी जाती है. यहां आये मरीजों का इलाज भी मुफ्त में किया जाता है. इलाज के दौरान मरीजों को जिन दवाइयों की जरूरत पड़ती है उसकी भी पूर्ति इसी फाउंडेशन के तहत की जाती है.

अस्पताल में मौजूद हैं बुनियादी सुविधाएं
इन सब के बावजूद भी इस अस्पताल में मरीज अब ना के बराबर पहुंच रहे हैं. पिछले छह माह की बात करें तो अबतक तक़रीबन 25 मरीज़ ही यहां इलाज के लिए आये हैं. हालांकि अस्पताल में मरीजों के मद्देनजर समुचित व्यवस्था है. यहां पर न तो दवाइयों की कमी है और ना ही खाने पीने की कोई परेशानी है.

क्या कहते हैं अस्पताल प्रभारी

डेमियन फाउंडेशन के प्रभारी ने बताया कि यहां पर फिलहाल एक ही डॉक्टर हैं जो पूरे मरीजों का इलाज करते हैं. उन्होंने बताया कि यहां वैसे भी मरीज आते हैं जिन्हें पीएचसी के द्वारा रेफर किया जाता है. इलाज के दौरान जो जांच की बात आती है उसे सासाराम सदर अस्पताल में भेजा जाता है. रिपोर्ट आने के बाद मरीजों का इलाज किया जाता है.

बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार की जरूरत
बहरहाल अस्पतालों में मरीजों का न पहुंचना कहीं ना कहीं इस बात का संकेत है कि लोगों में इसकी जानकारी अभी भी कम है. प्रशासन और अधिकारियों को चाहिए कि बड़े पैमाने पर इसका प्रचार प्रसार करें ताकि इसका लाभ सभी मरीजों को मिल सके.

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