गया:लीची के मौसम में मुजफ्फरपुर में बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंचते हैं, तो मगध क्षेत्र में बारिश के बाद बच्चों में बुखार की शिकायत मिलती है. इस बुखार को जापानी बुखार कहा जा रहा है. मगध क्षेत्र में 2002 से अब तक इस बीमारी से 500 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने इस बीमारी से निबटने के लिए 20 बेड का आईसीयू तैयार किया है. ये आईसीयू स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर तैयार किया गया है.
गया: AES से निपटने के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड का ICU बनकर तैयार - icu of 20 bed
मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने चमकी और जापानी बुखार से निबटने के लिए 20 बेड का आईसीयू तैयार किया है. ये आईसीयू स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर तैयार किया गया है.
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20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार
मगध क्षेत्र में जापानी बुखार (जेई) का असर ज्यादा रहता है. गया में साल 2011 में जेई के सबसे अधिक मामले आये थे. 2011 में सरकारी आकंड़ों के मुताबिक 409 बच्चे इसकी चपेट में आये थे जिसमें से 93 बच्चों की मौत हो गई थी. ये मौत का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा. जापानी बुखार के पीड़ित के लिए मगध क्षेत्र में एक मात्र मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इस अस्पताल में पहले बच्चों के लिए 10 बेड का आईसीयू था. प्रधान सचिव के आदेश बाद 20 बेड का आईसीयू बनकर तैयार है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस
एनएमएमसीएच के अधीक्षक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अस्पताल का निरीक्षण करने आए थे. उनके आदेश के बाद आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों से लैस 20 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया गया है. इससे पहले 10 बेड का आईसीयू था. अब कुल मिलाकर 30 बेड हो गया है. इसमें तीन डॉक्टर और एएनएम 24X7 ड्यूटी पर रहेंगे.