अरिरया: जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां इंसान और कुत्ते एक साथ मां काली की पूजा करते हैं. इस मंदिर में दर्जनों कुत्ते 24 घंटे मौजूद रहते हैं. किसी भी श्रद्धालु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. ये मंदिर बिहार की सबसे ऊंचे काली मंदिर के नाम से विख्यात है.
पूरे जिले में प्रसिद्ध है मां खड़गेश्वरी काली मंदिर
अररिया शहर स्थित मां खड़गेश्वरी काली मंदिर पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह सभी धर्मों के आस्था का केंद्र है. इस मंदिर को स्थानीय लोगों की मदद से बनाया गया है. कहा यह भी जाता है कि भारत के सबसे ऊंचे काली मंदिरों में से अररिया का मां खड़गेश्वरी काली मंदिर एक है. इसकी ऊंचाई 152 फीट है.
इस मंदिर में इंसानों के साथ कुत्ते भी पूजा में शामिल होते हैं. इंसानों के साथ कुत्ते भी होते हैं पूजा में शामिल
इस मंदिर में इंसानों के साथ कुत्ते भी पूजा में शामिल होते हैं. मंदिर के पुजारी सरोजानंद उर्फ नानू बाबा ने बताया कि इस मंदिर में कुत्तों के साथ पक्षियों को भी खाना दिया जाता है. इन कुत्तों के खानपान का मंदिर बेड़ा उठाती है. यह कुत्ते किसी अन्य जगह पर जूठा खाना नहीं खाते सिर्फ मंदिर का ही खाना खाते हैं.
श्रद्धालुओं को नहीं होती कोई परेशानी
दर्जन भर से अधिक कुत्ते 24 घंटा इस मंदिर में रहते हैं. पूजा करने आए श्रद्धालुओं ने बताया कि ऐसा कहीं भी हमें नजर नहीं आता जहां कुत्ते और इंसान एक साथ मंदिर में मौजूद हो. अमूमन लोग कुत्तों को देखकर अपना रास्ता बदल देते हैं और उनसे डरते हैं. लेकिन अररिया के इस मंदिर में ऐसा कुछ भी नहीं होता है. यहां मनुष्य के साथ कुत्ते भी आराम से पूजा में शामिल होते हैं.