पटना: बिहार विधान सभा चुनाव में आरजेडी इस बार बाहुबलियों के भरोसे अपनी चुनावी नैया को पार करने में जुटी है. लोग कह रहे हैं कि एक बार फिर से आरजेडी अपने पुराने ढर्रे पर ही चल चुकी है. इसलिए पार्टी जमकर अपराधियों और बाहुबलियों को टिकट बांट रही है.
मोकामा से अनंत सिंह, दानापुर से रीतलाल यादव, बेलागंज से सुरेंद्र प्रसाद यादव, महनार से रामा सिंह की पत्नी, नवादा से राजबल्लभ यादव की पत्नी वीणा देवी, संदेश से अरुण यादव की पत्नी किरण देवी, सहरसा से आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, शिवहर से आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद समेत ऐसे कई नाम हैं, जिन्हें राष्ट्रीय जनता दल ने इस बार मैदान में उतारा है. यह तमाम नाम बिहार की सियासत में चर्चित हैं क्योंकि या तो यह खुद बाहुबली हैं या किसी बाहुबली के परिजन हैं.
बाहुबलियों पर दांव
कई 'बाहुबलियों' के खिलाफ अलग-अलग थानों में गंभीर मामले दर्ज हैं. एक तरफ बिहार में अपराध खत्म करने और राजनीति को अपराध मुक्त करने की बात होती है. दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी बाहुबलियों पर जमकर प्यार लुटा रही है. सत्ताधारी दल कुछ ऐसे ही आरोप राजद पर लगा रहे हैं और यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि अगर ऐसी पार्टी सत्ता में आती है तो फिर से बिहार अपराधियों के गिरफ्त में आ जाएगा.
उम्मीदवारों पर कई आपराधिक मामले दर्ज
निर्वाचन आयोग ने इस बार कुछ ऐसे प्रावधान भी किए हैं. ताकि राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट ना दें. लेकिन इसका शायद ही ज्यादा असर होता दिख रहा है. राष्ट्रीय जनता दल ने ऐसे तमाम आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अपने नेताओं की सूची प्रकाशित की है, जिसमें उन पर लगे आरोप और उनके नाम से दर्ज मामलों की पूरी जानकारी दी गई है. इनमें सबसे ज्यादा मामले मोकामा से विधायक अनंत सिंह के खिलाफ है. अनंत सिंह पर करीब 38 मामले दर्ज हैं. इनके अलावा सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव, अजय यादव, मुकेश कुमार, रोशन, ललित कुमार यादव, विजय प्रकाश, रीतलाल और प्रहलाद यादव समेत करीब 39 प्रत्याशियों पर कोई ना कोई मामला दर्ज है.
क्या कहते हैं जगदानंद सिंह?
बाहुबलियों को टिकट देने के बारे में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि अपराधी दरअसल वे हैं, जो देश को बेचने में लगे हैं. उनका इशारा सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड की तरफ है. वरिष्ठ राजद नेता ने कहा कि अपराधी तो वह लोग हैं जो लोगों को भूखे मरने पर मजबूर कर रहे हैं. यानी खुद के सवाल के जवाब में वे बीजेपी-जदयू पर हमला बोल रहे हैं. वे यह भी कहते हैं कि अगर कोई नेता एनडीए में जाता है. तो उसके सारे पाप धुल जाते हैं और राजद में आता है तो अपराधी हो जाता है. ऐसा कैसे चलेगा.
जगदानंद सिंह, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष बता दें कि इस बार के चुनाव में भले ही राजद के पास बाहुबलियों की पूरी फेहरिस्त है. लेकिन इस मामले में बीजेपी, जदयू, कांग्रेस, माले और लोजपा, जाप जैसी पार्टियां भी किसी भी तरह पीछे नहीं हैं. ऐसे में अब पूरा दारोमदार आम लोगों पर है कि वह किस हद तक बाहुबलियों को राजनीतिक रूप से स्वीकार या अस्वीकार करते हैं.