नई दिल्ली:इंडियन रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रोजगार दाताओं में से एक है. भारतीय रेलवे में करीब 1.4 मिलियन से अधिक लोग काम करते हैं. भारत में दुनिया का चौथा सबसा बड़ा रेलवे नेटवर्क है. भारतीय रेलवे हर रोज लगभग 2.5 करोड़ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाता है.
संभव है कि आपने भी कभी न कभी भारतीय रेल में सफर किया होगा. इस दौरान आपने रेल की पटरियों के बीच पड़े छोटे-छोटे पत्थर देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रेल की पटरियों के बीच यह पत्थर क्यों लगाए जाते हैं?
दरअसल, पटरियों के बीच छोटे-छोटे पत्थर बिछाए जाने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है. शुरूआती दौर में रेलवे ट्रैक का निर्माण स्टील और लकड़ी के पटरों की मदद से किया जाता था, जबकि मौजूदा समय में लकड़ी के पटरों के बदले सीमेंट की आयताकार सिल्लियों का इस्तेमाल किया जाता है.
पटरियों के कंपन को करता है कम
पटरियों के बीच इन पत्थरों को इसलिए बिछाया जाता ताकि ये लकड़ी के पटरों या सीमेंट की सिल्लियों को अपने स्थान पर मजबूती के साथ स्थिर रखें और वे रेलवे ट्रैक को मजबूती के साथ पकड़े रहें. बता दें कि जब ट्रेन चलती है तो उससे जमीन और पटरियों में कंपन पैदा होता है.