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अजमेर दरगाह विवाद में आज अहम सुनवाई, विष्णु गुप्ता ने कोर्ट से मांगी सुरक्षा, जान से मारने की मिली धमकियां - DARGAH CONTROVERSY

विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह विवाद में सुरक्षा की मांग करते हुए कोर्ट में अर्जी दी. जान से मारने की धमकियां मिलने का दावा किया.

अजमेर दरगाह विवाद मामला
अजमेर दरगाह विवाद मामला (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 23, 2025, 8:30 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 8:04 AM IST

अजमेर : दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा कर कोर्ट में याचिका पेश करने वाले परिवादी विष्णु गुप्ता ने गुरुवार को सेशन कोर्ट में अर्जी देकर सुरक्षा की मांग की है. गुप्ता की मांग है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान केवल प्रकरण से संबंधित लोग ही उपस्थित रहें, ताकि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक न हो. गुप्ता ने यह भी कहा कि याचिका दायर करने के बाद से उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं.

परिवादी विष्णु गुप्ता ने बताया कि 24 जनवरी को प्रकरण की सुनवाई है. गुप्ता ने यह भी कहा कि कोर्ट में प्रतिवादी बनने की अर्जियों और प्रकरण को खारिज करने के लिए दायर की गई अर्जियों का वह कल कोर्ट में जवाब पेश करेंगे. गुप्ता, जो हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि प्रतिवादी बनने के लिए कोर्ट में जितनी भी अर्जियां दायर की गई हैं, उनका वह विरोध कर रहे हैं और इन अर्जियों को खारिज करने की मांग कोर्ट में करेंगे.

परिवादी विष्णु गुप्ता (ETV Bharat Ajmer)

वंशावली को लेकर आदेश : गुप्ता ने बताया कि प्रतिवादी बनने के लिए दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेद्दीन और एक खादिम ने भी अर्जी दी है. इन लोगों ने ख्वाजा गरीब नवाज के वंशज होने का दावा किया है. इसलिए गुप्ता ने कहा कि उनका जवाब भी तैयार कर लिया गया है, जिसे कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि वंशावली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों का आदेश है, जिसे वह कोर्ट के समक्ष रखेंगे.

इसे भी पढ़ें-अजमेर दरगाह में शिव मंदिर का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता को मिली जान से मारने की धमकी

प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 :गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह दरगाह एक्ट के अंतर्गत आती है और दरगाह एक्ट समाप्त करने के लिए दरगाह के खादिमों की संस्था सुप्रीम कोर्ट तक गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी साक्ष्यों के आधार पर यह निर्णय लिया कि खादिमों का दरगाह से कोई लेना-देना नहीं है.

गुप्ता ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से यह साफ हो गया है कि ख्वाजा गरीब नवाज का कोई वंश नहीं था, क्योंकि वह सूफी संत थे और उनका विवाह नहीं हुआ था. गुप्ता ने कहा कि दरगाह और कब्रिस्तान पर प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 लागू नहीं होता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह साफ कहा गया है कि दरगाह पूजा पद्धति का स्थान नहीं है.

सुरक्षा के संदर्भ में गुप्ता ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें फोन पर कई जान से मारने की धमकियां मिली थीं, जिसके बाद उन्होंने क्रिश्चियन गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. गुप्ता ने कोर्ट से यह अपील की है कि सुनवाई के दौरान केवल प्रकरण से संबंधित लोग ही कोर्ट परिसर में प्रवेश करें, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. गुप्ता को उम्मीद है कि सेशन कोर्ट सुरक्षा की दृष्टि से उचित निर्णय करेगा और 24 जनवरी को होने वाली सुनवाई के दौरान उचित सुरक्षा-व्यवस्था की जाएगी.

परिवादी की सुरक्षा के लिए एक गार्ड लगाया गया है और परिवादी को धमकी अजमेर से किसी व्यक्ती ने नहीं दी है. प्रकरण में जांच जारी है.- रुद्र प्रताप शर्मा, सीओ नॉर्थ.

Last Updated : Jan 24, 2025, 8:04 AM IST

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