नई दिल्ली: दिल्ली में कुछ निजी स्कूलों द्वारा की गई फीस बढ़ोतरी के मामले पर सतर्कता निदेशालय ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर सात दिनों के भीतर बिंदुवार तरीके से पूरी जानकारी मांगी है. इस पत्र में सतर्कता निदेशालय ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों से पता चलता है कि स्कूलों को पिक एंड चूज आधार पर फीस बढ़ोतरी करने की परमिशन दी गई. शिक्षा विभाग को 2019-2020 शैक्षणिक सत्र से 2023-2024 तक फीस वृद्धि के मामलों का विवरण प्रदान करने के लिए कहा गया है, जिसमें उन मामलों का विवरण दिया गया है, जिनमें फीस वृद्धि को मंजूरी दी गई थी. साथ ही फीस वृद्धि का प्रतिशत भी शामिल था. साथ ही कुछ स्कूलों को बढ़ोतरी के लिए दी गई परमिशन में यह कारण भी नहीं लिखा है कि उनको इस वजह से फीस बढ़ोतरी की अनुमति दी जा रही है. इसलिए निदेशालय के फीस बढ़ोतरी के इन आदेशों को लेकर संदिग्धता जताई जा रही है.
स्कूल फीस में इस पूर्वव्यापी बढोतरी से छात्रों के माता-पिता पर बकाया फीस का अनुचित बोझ डाला गया. इसमें आश्चर्य करने वाली बात यह है कि उन स्कूलों को भी फीस बढ़ोतरी की परमिशन दे दी गई जो लगातार शिक्षा निदेशालय के नियमों का उल्लंघन करते हैं और उसके आदेशों का अनुपालन नहीं करते. सतर्कता निदेशालय ने अलग से प्रत्येक जिले से 18 स्कूलों सहित पांच निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों के संबंध में कक्षा एक से आठवीं तक ईडब्ल्यूएस कोटे के छात्रों की जानकारी प्रत्येक कक्षा में सीटों के प्रतिशत के साथ मांगी है. यदि स्कूल में प्री स्कूल क्लास मौजूद है तो क्या इन क्लासों में ईडब्ल्यूएस कोटा लागू है. इन क्लासों के छात्रों की प्रतिशत के अनुसार जानकारी भी दी जाए.