कांगड़ा:इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर ही ये वीडियो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित अरनी यूनिवर्सिटी का बताया जा रहा है. इस वीडियो में भीड़ धार्मिक नारे लगाती दिख रही है. हालांकि अब इस मामले में यूनिवर्सिटी के कुलपति की ओर से ही सफाई दी गई है.
वीडियो में क्या है ?
वायरल हो रही सोशल मीडिया पोस्ट में इस वीडियो को कांगड़ा के इंदौरा स्थित अरनी यूनिवर्सिटी की बताया जा रहा है. आरोप लगाया जा रहा है कि छात्रों के एक गुट ने यूनिवर्सिटी में धार्मिक और देश विरोधी नारे लगाए हैं. वीडियो वायरल होने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन सामने आया है.
अरनी यूनिवर्सिटी विवाद पर कुलपति का बयान (ETV Bharat) अरनी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि कॉलेज में सभी धर्मों के छात्र पढ़ते हैं. छात्रों द्वारा भारत विरोधी कोई भी नारे नहीं लगाए गए हैं. छात्रों के बीच हुई लड़ाई को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है और इस मामले में कुछ छात्रों को सस्पेंड भी किया गया है.
अरनी यूनिवर्सिटी के कुलपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. कुलपति डॉ. विवेक सिंह ने कहा, "6 अक्टूबर को कॉलेज में दो गुटों में विवाद हुआ. जिसे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया था. इस दौरान किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक बयानबाजी व नारेबाजी नहीं की गई थी. इस तरह की बात को लेकर कोई वीडियो और अन्य सबूत सामने नहीं आए हैं. दो गुटों में हुई लड़ाई को लेकर जांच कमेटी गठित की गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है".
"यूनिवर्सिटी ले रही है एक्शन"
यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक ये छात्रों के लड़ाई झगड़े का एक मामला था जिसमें कोई देश विरोधी नारे नहीं लगे हैं. एक छात्र की पिटाई हुई थी और इस मामले में छात्रों को सस्पेंड किया गया है. इस मामले में कमेटी गठित की गई है. जो भी छात्र इसमें शामिल होगा प्रशासन उसपर एक्शन लेगा. ये मामला यूनिवर्सिटी लेवल का है और छात्रों के बीच झगड़े का मामला है इसे सांप्रदायिक रंग ना दिया जाए.
कुलपति डॉ. विवेक सिंह ने कहा, "मामले के शुरुआती दौर में ही 10 छात्रों सस्पेंड कर दिया गया है. अरनी विश्वविद्यालय में एंटी इंडिया और संप्रदाय को लेकर किसी भी प्रकार की बात नहीं रखी जाती है. सभी छात्र विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं. बावजूद इसके भारत विरोधी कोई भी बात नहीं है. कुछ माह पूर्व एक जनवरी को उन पर हमला भी हुआ था. ऐसे में एक बार फिर से विश्वविद्यालय को बदनाम करने का प्रयास भी हो सकता है".
"ये सांप्रदायिक मामला नहीं है"
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि विश्वविद्यालय में हर धर्म और तबके का छात्र पढ़ते हैं. हम सिखाते हैं कि हम सब भारतीय हैं. इस तरह के मामलों से दूर रहने की हिदायत देते हैं. इस मामले को सांप्रदायिक ना कहा जाए. ये लड़ाई दो गुटों में हुई थी और प्रशासन के साथ मिलकर इसे सुलझा लिया है.
विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, "कुछ लोग यूनिवर्सिटी के बाहर से घुसे जिसके बाद हालात बिगड़े. छात्रों की सेफ्टी हमारी प्राथमिकता है. पुलिस और सरकार से कहना चाहता हूं कि ये अरनी प्रशासन के खिलाफ षडयंत्र भी हो सकता है मेरी पुलिस प्रशासन से अपील है कि इस मामले की जांच करें. बच्चों को भड़काने व संप्रदाय का नाम लेकर लड़ाने का काम किया जा रहा है. सोशल मीडिया में भी दुष्प्रचार किया जा रहा है. बाउंड्री बॉल जमीनी डिमार्केशन न होने से अधुरी है, जिससे बाहरी लोग भी विवि में प्रवेश कर रहे हैं. सरकार और प्रशासन को भी इस विषय को लेकर मदद करनी चाहिए".
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