नई दिल्ली: दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर 25 मई को बीजेपी और कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है. बीजेपी ने नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट पर सीटिंग सांसद मनोज तिवारी को छोड़कर बाकी 6 के टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा हुआ है. इनमें से बीजेपी ने भले ही तीन सीटों पर लोकल चेहरों पर दांव खेला हो, लेकिन यह सीट बेहद खास है. इसके पीछे की बड़ी वजह है कि तीनों चेहरे दिल्ली के मेयर जैसे पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. दो सीटों पर तो पूर्व मेयरों का सीधा मुकाबला पूर्व सांसदों के साथ होने जा रहा है.
बीजेपी ने दिल्ली की जिन तीन सीटों पर इस बार लोकल चेहरों को उतारकर बड़ा दांव चला है, उस पर सभी की नजरें टिकी हैं. उधर, दिल्ली की नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीट भी चर्चाओं में खूब हैं. बीजेपी के सीटिंग सांसद मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता कन्हैया कुमार के बाहरी होने को लेकर खुलकर विरोध कर रहे हैं. बीजेपी ने अपने सांसदों की टिकट काटकर किसी 'पैराशूट' नेता को टिकट ना देकर लोकल चेहरे को उतारकर किसी विरोध को उठने का मौका नहीं दिया है.
योगेंद्र चांदोलिया 2014 में रह चुके नॉर्थ दिल्ली के मेयरःबात अगर नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट (एससी आरक्षित) की करें तो यहां पर बीजेपी के योगेंद्र चांदोलिया और कांग्रेस के डॉ. उदित राज के बीच सीधा मुकाबला है. योगेंद्र चांदोलिया 2014 में नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के मेयर भी रह चुके हैं. कांग्रेस-आम आदमी पार्टी ने उदित राज को 'इंडिया गठबंधन' प्रत्याशी बनाया है, लेकिन वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. आम आदमी पार्टी उनका समर्थन कर रही है. उदित राज पहले भी 2014 में इस सीट से एक बार सांसद रह चुके हैं. यह चुनाव उन्होंने बीजेपी के टिकट पर लड़ा था. स्थानीय नेता को टिकट नहीं दिए जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उनके खिलाफ नाराजगी भी देखा जा रही है.
ईस्ट दिल्ली के मेयर रह चुके हैं हर्ष मल्होत्राःईस्ट दिल्ली लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से भी बीजेपी ने एक पूर्व महापौर हर्ष दीप मल्होत्रा को चुनावी मैदान में उतारा है. उनको पार्टी ने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर की टिकट काटकर मैदान में उतारा गया है. मल्होत्रा अप्रैल 2015 से मई 2016 तक ईस्ट दिल्ली के मेयर रहे थे. पार्टी ने उनकी क्षेत्र में लोकप्रियता को भुनाने का प्रयास किया है. प्रदेश बीजेपी में भी वो लगातार तीन बार महासचिव के पद की जिम्मेदारी निभाते आए हैं. आम आदमी पार्टी ने उनके सामने कोंडली से विधायक कुलदीप कुमार को उतारा हुआ है, जिसका कांग्रेस पार्टी समर्थन कर रही है.
कमलजीत को उतार कर बीजेपी ने साधे एक तीर से दो निशानेःदिल्ली की पश्चिम दिल्ली सीट से एक और पूर्व महापौर चुनावी मैदान में हैं. साल 2017 में बीजेपी की पार्षद कमलजीत सहरावत दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की निर्विरोध मेयर चुनी गईं थीं. वह एमसीडी के 2017 के चुनाव में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाली पार्षद भी रहीं. बीजेपी ने पश्चिमी दिल्ली सीट से लगातार दो बार सांसद रहे प्रवेश वर्मा की जगह उनको उतारा हुआ है. जाट समुदाय की नाराजगी नहीं हो, इसको लेकर भी बीजेपी ने पूरा ध्यान रखते हुए महिला जाट नेता कमलजीत सहरावत को टिकट दिया.
दो बार से चुनाव हारने वाले महाबल से होगी सहरावत की कड़ी टक्करःकमलजीत का मुकाबला इस बार आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले पूर्व कांग्रेसी सांसद महाबल मिश्रा से होगा. महाबल मिश्रा पहली बार कांग्रेस के टिकट पर 2009 में पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीते थे. इसके बाद 2014 और 2019 के लगातार दो बार के चुनाव में उनको करारी शिकस्त मिली थी. इस बार कांग्रेस-आम आदमी पार्टी मिलकर यहां से चुनाव लड़ रही है. सांसद चुनाव लड़ने से पहले महाबल मिश्रा 2003 और 2008 में द्वारका विधानसभा से दो बार चुनाव जीत चुके हैं.
तीनों सीटों पर पिछले तीन चुनावों में रहा ये समीकरणःईस्ट दिल्ली लोकसभा से बीजेपी के गौतम गंभीर ने पिछले 2019 के चुनाव में 3,66,102 मतों के अंतराल से जीत दर्ज की थी. उनको कुल वोट 7,87,799 मिला था. जबकि, कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े मौजूदा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली दूसरे नंबर पर रहे थे. उनको 4,21,697 वोट प्राप्त हुआ था. आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना को कुल 1,90,856 वोट हासिल हुए थे. चौथे नंबर पर रही बीएसपी के राजवीर सिंह ने भी 37,831 वोट झटके थे. 2014 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी के महेश गिरी ने जीत हासिल की थी जबकि 2009 और 2004 के चुनाव कांग्रेस के संदीप दीक्षित ने जीत दर्ज की थी.
नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट पर 2019 का चुनाव बीजेपी के हंसराज हंस ने 5,53,897 मतों के अंतर से जीता था. उनको कुल 8,48,663 वोट हासिल हुए थे. हंसराज हंस ने आम आदमी पार्टी के गुग्गन सिंह को 2,94,766 मतों के अंतराल से हराया था. कांग्रेस के राजेश लिलोठिया तीसरे नंबर पर रहे थे, जिनको 2,36,882 वोट यानी 16.88% मत हासिल हुआ था.