नई दिल्लीःदिल्ली में यमुना नदी की सफाई को लेकर सरकार के साथ विभिन्न संस्थाओं की कोशिशें तेज हो गई हैं. इसी क्रम में एनवायरनमेंटल रिसर्च एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कार्य करने वाली प्रमुख संस्था टेरी (द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट) दिल्ली सरकार के साथ मिलकर यमुना नदी को स्वच्छ बनाने की योजना पर काम करेगी. इसके लिए संस्था की तरफ से दिल्ली सरकार को विस्तृत प्लान दिया गया है.टेरी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नूपुर बहादुर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि टेरी पहले से ही गंगा सफाई परियोजना में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का योगदान दे चुका है और अब यमुना नदी की सफाई के लिए भी एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है.
टेरी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नूपुर बहादुर ने बताया कि टेरी संस्था द्वारा यमुना सफाई के लिए 10 बिंदुओं पर आधारित एक योजना बनाई है, जिसे दिल्ली के सरकार को प्रस्तुत किया गया है. इसमें पर्यावरणीय प्रवाह (एनवायरमेंटल फ्लो), जल गुणवत्ता सुधार, अमोनियम एवं फॉस्फेट नियंत्रण, आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की स्थापना और औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले दूषित पानी को अत्याधुनिक तकनीक से उपचार करने के बाद नदी में छोड़ने समेत अन्य कामों पर जोर दिया गया है.
टेरी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नूपुर बहादुर ने ईटीवी भारत को दी जानकारी (ETV BHARAT)
टेरी की तकनीक टेडाक्स से यमुना की सफाई में मिलेगी मददःटेरी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नूपुर बहादुर ने बताया कि टेरी द्वारा एक तकनीक विकसित की गई है. जिसे 'टेरी एडवांस्ड ऑक्सिडेशन टेक्नोलॉजी' (टेडाक्स) कहा जाता है. इस तकनीक का सफल प्रयोग गंगा नदी की सफाई में किया गया था. अब इस तकनीक को यमुना में भी अपनाने की योजना है. यह तकनीक जल में मौजूद हानिकारक तत्वों को नष्ट करने में प्रभावी है. इसका उपयोग कानपुर के टेक्सटाइल क्लस्टर और गुरुग्राम में किया जा चुका है. जहां इस तकनीक ने जल शुद्धिकरण में बेहतरीन परिणाम दिए हैं. टेडाक्स तकनीक से जल में रंग, ऑर्गेनिक और अन्य हानिकारक तत्वों को तोड़ दिया जाता है. यह तकनीक एफिशिएंट, किफायती और बड़े पैमाने पर बेहद प्रभावी है, जिसे जल शुद्धिकरण संयंत्रों में आसानी से लगाया जा सकता है.
टेरी की तकनीक टेडाक्स से यमुना की सफाई में मिलेगी मददः (ETV BHARAT)
यमुना नदी के सफाई की चुनौतियां और समाधानःडॉ. नूपुर बहादुर का कहना है कि पल्ला बॉर्डर से जैसे ही यमुना दिल्ली में प्रवेश करती है जल अत्यधिक प्रदूषित होता है. इसमें ऑक्सीजन की मात्रा काफी कम होती है. कई जगह आक्सीजन की मात्रा शून्य हो जाती है. यदि यमुना सफाई को प्रभावी बनाना है, तो नदी में पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक प्रवाह बनाए रखना बहुत जरूरी होगा. इसके अलावा औद्योगिक अपशिष्ट और अवैध रूप से नदी में गिराए जा रहे सीवेज पर भी कड़ी निगरानी की आवश्यकता है. यमुना नदी कई राज्यों से होकर गुजरती है. ऐसे में केवल दिल्ली में सफाई करने से समस्या हल नहीं होगी. इसके लिए सभी राज्यों को मिलकर प्रयास करने होंगे. साथ ही एक केंद्रीय एजेंसी के गठन की जरूरत है, जो यमुना सफाई से जुड़ी सभी परियोजनाओं की निगरानी कर सके.
द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट यानी टेरी दिल्ली सरकार की करेगी मदद (ETV BHARAT)
यमुना रिवरफ्रंट से पर्यटन की संभावनाएं : दिल्ली की भाजपा सरकार द्वारा यमुना रिवरफ्रंट विकसित करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है. इससे न केवल नदी के किनारे सौंदर्यीकरण होगा, बल्कि यह पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. डॉ. नूपुर बहादुर का कहना है कि यदि यह परियोजना सही दिशा में आगे बढ़ती है, तो यह साबरमती रिवरफ्रंट की तरह सफल हो सकती है. यदि सही ढंग से कार्य किया जाए और प्रभावी नीतियों को लागू किया जाए, तो तीन साल में अच्छे परिणाम जरूर मिल सकते हैं. डॉ. नूपुर बहादुर ने कहा कि टेरी की विशेषज्ञता, गंगा सफाई में मिले अनुभव और उन्नत तकनीकों के माध्यम से यमुना को स्वच्छ करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे.
यमुना नदी की सफाई में टेरी करेगी दिल्ली सरकार की मदद (ETV BHARAT)
यमुना सफाई के लिए 10 बिंदुओं की योजना : टेरी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. नूपुर बहादुर ने बताया कि टेरी संस्था द्वारा यमुना सफाई के लिए 10 बिंदुओं पर आधारित एक योजना बनाई है, जिसे दिल्ली के सरकार को प्रस्तुत किया गया है. इसमें पर्यावरणीय प्रवाह (एनवायरमेंटल फ्लो), जल गुणवत्ता सुधार, अमोनियम एवं फॉस्फेट नियंत्रण, आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की स्थापना और औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले दूषित पानी को अत्याधुनिक तकनीक से उपचार करने के बाद नदी में छोड़ने समेत अन्य कामों पर जोर दिया गया है.