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शहडोल के अमलाई में गुड्स शेड कोल साइडिंग का मामला हाईकोर्ट में, दोनों पक्षों ने जवाब पेश किए - Amalai Goods Shed Coal dispute

शहडोल जिले के अमलाई में गुड्स शेड कोल साइडिंग का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपने जवाब पेश किए. हाईकोर्ट की युगलपीठ को बताया गया कि जिन कमियों के कारण साइडिंग बंद करने के निर्देश थे, उन कमियों को दूर कर लिया गया है.

Amalai Goods Shed Coal dispute
अमलाई में गुड्स शेड कोल साइडिंग का मामला हाईकोर्ट में (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 16, 2024, 12:47 PM IST

जबलपुर।शहडोल जिले के अमलाई में रहवासी क्षेत्र में गुड्स शेड कोल साइडिंग संचालित किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ को बताया गया कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जिन कमी के कारण से साइडिंग को बंद करने के निर्देश जारी किये थे, उन्हें दूर कर लिया गया है. बोर्ड की जांच कमेटी ने निरीक्षण कर क्लीन चीट भी प्रदान कर दी है.

केवल कागजों में कमियां दूर करने का दावा

इस पर याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति पेश करते हुए कहा गया कि सिर्फ कागजों में कमियों को दूर किया गया है. युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को साक्ष्य पेश करने के निर्देश जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता सुमन लाल राय की याचिका में कहा गया था कि रेलवे द्वारा कोल की रैंक लोडिंग व अनलोडिंग के लिए अमलाई के रहवासी इलाके में गुड्स शेड कोल साइडिंग बनाया गया है. गुड्स शेड कोल साइडिंग रेलवे की जमीन पर बना हुआ परंतु आसपास को पूरा क्षेत्र रहवासी है. कोल की लोडिंग व अनलोडिंग के कारण क्षेत्र का पर्यावरण दूषित हो रहा है और रहवासी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है.

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प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने ये आदेश दिया था

सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि साइडिंग का विरोध करते हुए लोगों द्वारा प्रदर्शन किया गया था. एक महिला संगठन ने जिला न्यायालय में आवेदन भी पेश किया था, जिसकी सुनवाई के दौरान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से पेश किये गये जवाब में बताया गया कि साइडिंग के क्लोजर आदेश जारी कर दिये गये हैं. इसके अलावा विद्युत विभाग को कनेक्शन काटने के संबंध में आदेशित किया गया है. न्यायालय ने डीआरएम बिलासपुर के खिलाफ वायु प्रदूषण एक्ट के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश भी जारी किये हैं. याचिका में साइडिंग प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान करने की मांग की गई. याचिकाकर्ता की तरफ अधिवक्ता राम नारायण तिवारी ने पैरवी की.

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