सागर। जिले में 24x7 वाटर सप्लाई के लिए सागर से मकरोनिया उपनगर के लिए प्रीपेड वाटर प्रोजेक्ट के तहर काम चल रहा है. तय समय सीमा के अनुसार इस प्रोजेक्ट को बीते जून तक पूरा हो जाना चाहिए था. लेकिन अभी तक सिर्फ तीन चौथाई काम पूरा हुआ है. प्रोजेक्ट के पूरा होने में हो रही देरी को लेकर स्थानीय भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को जोर-जोर से उठाया और प्रोजेक्ट में हो रही देरी का कारण पूछा और इसके लिए प्रोजेक्ट पर काम कर रही एजेंसी पर कार्यवाही को लेकर सरकार से सवाल पूछा.
विधानसभा में पहुंचा मामला
सागर से भाजपा विधायक, शैलेंद्र जैन ने विधानसभा में प्रीपेड वाटर प्रोजेक्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ''अमृत योजना के तहत 24×7 जलप्रदाय योजना कब तक पूरी की जानी थी. फिलहाल क्या प्रगति है. देरी होने पर क्या एजेंसी पर कार्रवाई की गई. शहर में पाइप-लाइन बिछाने के बाद सड़कों का रिपेयरिंग देरी से की जाती है. जिस कारण कई हादसे भी हो चुके है और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.''
घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी, क्या सरकार ने कार्रवाई की
'योजना का मूल उद्देश्य शहर की जनता को 24×7 दिन पानी मुहैया कराना है. अभी राजघाट बांध से पानी पहुंचाया जा रहा है. बांध का जल स्तर गर्मी में कम हो जाता है. इसलिए इसकी पानी की मांग को बांध की ऊंचाई को बढ़ाकर ही पूरी की जा सकती है. शासन क्या इस दिशा में कोई कार्रवाई कर रहा हैं. जिन इलाकों में पाइपलाइन डालकर पानी की टेस्टिंग की गई है, वहां घरों तक पानी प्रेशर से नहीं पहुंच पाने की शिकायतें आ रही हैं, इस पर शासन द्वारा क्या कदम उठाए गए है सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.'
सरकार से मिला यह जबाव
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विधानसभा में बताया कि, ''प्रीपेड वाटर प्रोजेक्ट अमृत योजना के तहत नहीं बल्कि एडीबी वित्त पोषित एमपीयूडीसी द्वारा नगर निगम सागर और नगर पालिका मकरोनिया के लिए जलप्रदाय परियोजना है. इसको 30 जून 2024 तक पूरा किया जाना था लेकिन अभी तक परियोजना का 76 फीसदी काम ही पूरा हुआ है. जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग पर पाइपलाइन का विस्तार उन इलाकों में भी किया गया जो डीपीआर में शामिल नहीं थे.''