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जब राधा रानी रूठी तो मनाने के लिए मनहारिन बने बांके बिहारी, बरसाने की गलियों में बेचने लगे चूड़ियां - Amazing tableau Radha Krishna - AMAZING TABLEAU RADHA KRISHNA

वैसे तो राधा कृष्ण की एक से बढ़कर एक लीलाएं सुनने मिलती हैं. ऐसा ही एक किस्सा राधा कृष्ण के अटूट प्रेम का है. जब रूठी राधा को मनाने भगवान कृष्ण मनहारिन के रूप में बरसाने में चूड़ियां बेचने निकल पड़ते हैं. सागर के प्रसिद्ध बिहारी जी मंदिर में राधा कृष्ण के प्रेम की अद्भुत कहानी को सावन के महीने की दूसरी एकादशी पर झांकी का रूप दिया गया है.

Amazing tableau Radha Krishna
सागर के बिहारी जी मंदर में राधा कृष्ण की झांकी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 17, 2024, 5:41 PM IST

Updated : Aug 17, 2024, 6:10 PM IST

सागर।बिहारी जी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण राधारानी के साथ सखी के वेष में नजर आए. भगवान कृष्ण के रूप की झांकी को देखने के लिए महिलाएं उमड़ पड़ीं. महिलाओं ने यहां सौभाग्य की सामग्री भेंट की. करीब 3 सौ साल पुरानी इस परम्परा को सागर के बिहारी जी मंदिर में आज भी बखूबी निभाया जा रहा है और इस अद्भुत दृश्य को देखने मानो सारा सागर उमड़ पड़ता है.

सागर के बिहारी जी मंदिर में सजाई झांकी (ETV BHARAT)

रूठी राधारानी को ऐसे मनाया भगवान कृष्ण ने

श्रीकृष्ण के परम भक्त कवि चैतन्य ने इस प्रसंग का वर्णन बखूबी किया है. कवि चैतन्य बताते हैं कि एक बार राधाजी कृष्ण से नाराज हो गईं. कृष्ण से मिलने वृंदावन नहीं आयी तो राधा से मिलने व्याकुल कृष्ण मनहारिन के वेष में खु्द वृंदावन पहुंच जाते हैं. एक तो कृष्ण का मोहक रूप और ऊपर से मनहारिन का श्रृंगार कर जब राधारानी के महल के आगे "चूड़ी ले लो, चूड़ी ले लो"की आवाज लगाते हैं तो कृष्ण की आवाज पर मोहित राधा मानो बेचैन हो जाती हैं और मनहारिन को सखियों से महल में बुलाती हैं. यहां राधा मनहारिन से कहती हैं "सखी तुम बिल्कुल मेरे कृष्ण की तरह प्यारी लग रही हो." कृष्ण पकड़े जाने के डर से चूड़ियां दिखाने की बात करते हैं तो राधारानी कहती है "मैं तो श्याम रंग की चूंड़ियां पहनूंगी, क्योंकि मेरे कृष्ण का रंग भी श्याम है." ये सुनकर मनहारिन के वेष में कृष्ण खुश होकर नाचने लगते हैं. उनकी साड़ी का पल्लू गिर जाता है और भेद खुल जाता है.

सागर के बिहारी जी मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया (ETV BHARAT)
सागर का बिहारी जी मंदिर (ETV BHARAT)

सागर के वृंदावन में चली आ रही प्राचीन परम्परा

शहर के वृंदावन के नाम से प्रसिद्ध सर्राफा बाजार में भगवान कृष्ण के हर संप्रदाय के मंदिर है. स्थानीय लोग बताते हैं "सर्राफा में भगवान कृष्ण और राधा के 32 मंदिर हैं. यहां के लोग सुबह हो या शाम हर समय कृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं." निंबार्क संप्रदाय के अटल बिहारी सरकार मंदिर की प्रसिद्धि शहर में कुछ ज्यादा है और यहां हर अवसर पर विशेष आयोजन होते रहते हैं. सावन की दूसरी एकादशी पर यहां करीब दो सौ साल से भगवान कृष्ण के मनहारिन के वेष की झांकी सजायी जाती है. जिसे देखने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है.

राधा-कृष्ण की झांकी देखकर भक्त भावविभोर (ETV BHARAT)

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प्रेम पुजारी ने शुरू की थी परम्परा

मंदिर के सहायक पुजारी पंडित महेन्द्र पाराशर बताते हैं "परम पूज्य प्रेम पुजारी और अमित पुजारी द्वारा ये परम्परा चली आ रही है. सावन की दूसरी एकादशी पर भगवान सखी रूप में राधा मैया को चूड़ी पहनाते हैं. उसकी झांकी सजायी जाती है. वृंदावन में जब ठाकुर जी ने स्त्री का रूप रखकर बरसाना पहुंचे और राधा रानी के महल के सामने चूड़ी वाले की आवाज लगायी. कभी उन्होंने सखी बनकर चूड़ियां बेची तो कभी वैद्य के रूप में राधा मैया के पास पहुंचे. ये परम्परा प्रेम पुजारी द्वारा शुरू की गयी थी, जो आज भी चली आ रही है."

Last Updated : Aug 17, 2024, 6:10 PM IST

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