लखनऊ :प्रदेश में आयुष विभाग के जरिए होम्योपैथिक के हजार पदों पर भर्तियां की जाएगी. जल्द ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की तरह हर जिले में जिला होम्योपैथिक कार्यालय (डीएचओ) होंगे और मंडल स्तर पर मंडलीय कार्यालय स्थापित होंगे. जहां से जनसामान्य को मिल रहीं होम्योपैथिक चिकित्सीय सेवाओं की निगरानी की जाएगी. इसके लिए शासन द्वारा हर कार्यालय के लिए सात पद के अनुसार 93 कार्यालयों के में कुल 651 पद सृजित किये जा चुके हैं.
18 मंडलों में स्थापित होंगे कार्यालय
स्वास्थ्य विभाग के जिला अस्पतालों में संचालित होने वाले होम्योपैथिक अस्पताल व डिस्पेंसरियों की बदहाली खत्म होगी. इसके लिए प्रदेश के सभी 18 मंडलों में मंडलीय कार्यालय स्थापित किए जाएंगे. साथ ही 75 जिलों में जिला होम्योपैथिक कार्यालय खोले जाएगे. इन मंडलीय कार्यालय में एक सहायक लेखाकार, एक स्टैनो ग्राफर, एक वरिष्ठ सहायक और कनिष्ठ सहायक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के दो-दो पद संचालित होंगे. होम्योपैथिक निदेशक उप्र डॉ. अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि अभी तक जिलों में चिकित्सकीय सेवाओं की निगरानी मुख्यालय से की जाती है. स्थानीय स्तर पर अपने कार्यालय न होने की वजह से दिक्कतों आती हैं. राज्य सरकार द्वारा कार्यालय संचालन की स्वीकृत मिलने के बाद स्थितियां बदलेंगी. वर्तमान में 15 जिलों में खुद के होम्योपैथिक कार्यालय संचालित हो रहें हैं. महोबा, उन्नाव, कानपुर देहात और प्रतापगढ़ में कार्यालय के लिए जमीन मिल चुकी है. शेष अन्य जिलों में जिलाधिकारियों को जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये जा चुके हैं. बिठूर में नई डिस्पेंसरी तैयार हो चुकी है, चिकित्सकों की तैनाती होते ही मरीजों को इलाज की सुविधा मिलने लगेंगी.
वहीं उत्तर प्रदेश प्रांतीय होम्योपैथी चिकित्सा सेवा संघ के महासचिव डॉ. आशीष वर्मा ने बताया कि मंडलीय व जिला कार्यालय खुलने और समुचित स्टाफ उपलब्ध होने से विभागीय कार्यों को गति मिलेगी. जिला योजनाओं के कार्यों को धरातल पर आसानी से पहुंचेंगी. नए अस्पताल बनेंगे और मरीजों को मिलने वाली चिकित्सकीय सेवाओं में इजाफा होगा.
240 चिकित्सक और 397 फार्मासिस्ट के पद रिक्त