छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

गन्ने की कमी से जूझ रही शुगर फैक्ट्री, किसान भी परेशान, जानिए वजह - BALOD SUGAR PLANT ISSUES

बालोद जिले में एकमात्र सहकारी शक्कर कारखाने में प्रोडक्शन घटने की वजह से संचालन में काफी समस्याएं आ रही है.

FARMERS WORRIED For SUGAR PLANT
बालोद का सहकारी शक्कर कारखाना (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 27, 2024, 2:47 PM IST

Updated : Dec 27, 2024, 4:09 PM IST

बालोद : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एकमात्र उद्योग के रूप में स्थापित मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाना काफी समस्याओं के बीच संचालित है. इस कारखाने की क्षमता 2 लाख मैट्रिक टन पराई की है. लेकिन यहां गन्ने की कमी की वजह से 70 हजार मीट्रिक टन मात्र का ही पेराई होती है. वहीं, किसानों ने बताया कि उन्हें गन्ना बेचने के लिए लेट लतीफन का सामना करना पड़ता है.

गन्ने की पेराई का काम शुरू : मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाने के मैनेजिंग डायरेक्टर बसंत कुमार ने बताया कि 6 दिसंबर से यहां पेराई की शुरुआत की गई थी. अब तक यहां पर 15 हजार 598 मीट्रिक टन गन्ने की पेराई हो गई है. 13 हजार 145 क्विंटल शक्कर का उत्पादन किया जा चुका है. उन्होंने एक करोड़ रुपए का भुगतान जल्द होने की बात कही गई है.

सहकारी शक्कर कारखाने में प्रोडक्शन घटी (ETV Bharat)

शक्कर का जो प्रतिशत है, वह 9.46 है. पिछले वर्ष 11 प्रतिशत तक की रिकवरी हुई थी. वहां तक पहुंचाने की कोशिश प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है. किसानों को एक करोड़ का भुगतान किया जा चुका है : बसंत कुमार, MD, मां दंतेश्वरी कारखाना

किसानों की सुविधा के लिए उठाए कदम : बसंत कुमार ने बताया कि यहां पर किसानों की सुविधा के लिए कई कदम उठाए गए हैं. जैसे उन्हें एडवांस में टोकन दिया जा रहा है. वहीं, दूर दराज से आए किसानों के लिए ₹30 में दाल भात केंद्र की शुरुआत की गई है. प्रबंधन के सूत्रों के मुताबिक, बीती रात कुछ समस्या होने के कारण कारखाने में ब्रेकडाउन की स्थिति निर्मित हुई थी, जिसे प्रबंध संचालक बसंत कुमार ने सामान्य विषय बताया. उन्होंने कहा कि हम गन्ने के रकबे को बढ़ाने के लिए भी कार्य कर रहे हैं.

किसानों को हो रही असुविधा : मां दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाने में विश्राम करने की बात आई तो कुछ किसानों ने बताया कि वहां पर गंदगी रहती है. इस कारण उन्हें ट्रैक्टर की ट्राली के नीचे ही रात गुजारना पड़ता है. किसान पांचुराम ने बताया कि टोकन तो मिल रहा है, लेकिन खाली होने में काफी समय लग रहा है. जिसकी वजह से गन्ने का वजन भी काम हो जाता है.

तीन दिन से यहां पर ट्रैक्टर का लाइन लगाकर अपने बारी आने का इंतजार कर रहे हैं. काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है: पांचुराम, किसान

क्षमता से कम होती है पेराई :बालोद जिले में सहकारी शक्कर कारखाना की क्षमता के अनुरूप भी गन्ने का उत्पादन बालोद जिले के किसान नहीं कर पा रहे हैं. हर बार गन्ने का रकबा बढ़ाने के दावे तो किए जाते हैं. लेकिन यहां गन्ने का रकबा पिछले कुछ वर्षों में और घटा है. जिसकी मुख्य वजह यह है कि धान की कीमतों में सरकार ने इजाफा किया है. ऐसे में किसान मुनाफे के लिए धान की खेती कर रहे हैं.

बैलेट पेपर से होंगे छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव, 7 जनवरी के बाद आचार संहिता
रायपुर के माना तूता में बनेगी फिल्म सिटी, स्थानीय और बाहरी निर्माता निर्देशकों को मिलेगा फायदा
बच्चे छोटी बातों पर क्यों हो रहे हिंसक, नाबालिगों की मानसिकता में क्यों हो रहा बदलाव, जानिए
Last Updated : Dec 27, 2024, 4:09 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details