जयपुर:राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को विपक्ष की गैर मौजूदगी में कार्यवाही चली. प्रश्नकाल में विपक्ष की अनुपस्थिति के चलते कोई सवाल जवाब नहीं हुआ. सत्ता पक्ष और निर्दलीय विधायकों ने ही सवाल किए. सदन में भजनलाल सरकार को उन्हीं की पार्टी के विधायकों ने घेरा और आरोप लगाया कि सवालों के जवाब पूरे नहीं दिए जा रहे हैं. आखिर अतिक्रमणकारियों को क्यों बचाया जा रहा है? प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में अभ्यारण्यों की स्थापना, प्रदेश के चिकित्सालयों में रेडियोलॉजी एवं टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध कराने, आरजीएचएस में बायोमैट्रिक कीअनिवार्यता में शिथिलता देने और भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम सहित कई मुद्दे उठाए गए.
छबड़ा से आने वाले बीजेपी विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने वन भूमि पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाया. सिंघवी ने सरकार के जवाब पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह जवाब अधूरा है, पूरा जवाब क्यों नहीं दिया जा रहा है. कितनी वन भूमि पर कब्जा है? इसका कहीं जवाब नहीं है. सिंघवी ने कहा कि मैं लगातार इस अतिक्रमण को लेकर पत्र लिख रहा हूं, जब विधानसभा में सवाल लगाया तो 25 फरवरी को कार्यवाही के आदेश दिए गए. करोड़ों की वन भूमि पर इस तरह से अतिक्रमण हो रहा है और उसे स्थानीय प्रशासन नहीं हटा रहा है, आखिर क्या मजबूरी है? क्यों नहीं हटाया जा रहा? इसका जवाब भी दिया जाना चाहिए. क्या कारण है कि अतिकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही है? इससे बड़ी शर्मनाक बात नहीं हो सकती. इस पर वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि सभी कब्जेधारकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं. यह मामला सन 2022 का कांग्रेस सरकार के समय का है. अब भजनलाल सरकार संवेदनशील और पारदर्शीता के साथ काम कर रही है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
विधानसभा बजट सत्र (ETV Bharat Jaipur) पढ़ें: सदन में गतिरोध : कांग्रेस ने धरना स्थल पर चलाई मॉक असेंबली, बजरी खनन-कानून व्यवस्था पर मांगा जवाब
बालोतरा में प्रदूषित पानी का मामला उठाया: प्रश्नकाल में विधायक अरुण चौधरी ने बालोतरा जिले में जोधपुर की औद्योगिक इकाइयों से आ रहे प्रदूषित पानी की रोकने की योजना से जुड़ा सवाल किया. इसके जवाब में वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि जोधपुर के जिला कलेक्टर ने कमेटी का गठन किया गया है, जो पूरे मामले की जांच करेगी. जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी .
भ्रामक विज्ञापनों का मुद्दा उठा:प्रश्न काल में भाजपा विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि सरकार द्वारा ई कॉमर्स क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों एवं दोषपूर्ण उत्पादों के उपभोक्ताओं को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? सरकार द्वारा अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश लगाने के अपनाए आगे नीतिगत और कानूनी प्रावधान क्या है? इसके जवाब में मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि विभिन्न प्रचार प्रसार के माध्यम से जनता को जागरूक किया जाता है. केंद्र सरकार भी इसमें बड़े जागरुकता अभियान चला रही है. जागो ग्राहक जागो के नाम से कैम्पैन चलाए जा रहे हैं, ताकि जनता भी जागरूक हो. मंत्री गोदारा ने कहा कि विगत वर्ष में 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक कुल 704 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 524 शिकायतों का निस्तारण हुआ, जबकि 180 शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया चल रही है. प्रश्नकाल में निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह ने आरजीएचएस में बायोमैट्रिक अनिवार्यता में शिथिलता से जुड़ा सवाल किया कि क्या यह योजना सरकार बंद करने जा रही है? इसके जवाब में वित्त मंत्री दीया कुमारी ने कहा कि इस स्कीम को बंद करने के कोई योजना नहीं है. RGHS को लेकर कोई मना करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें: 'दादी' सम्मान का संबोधन, फिर क्यों विरोध, बेढम बोले- सदन में आकर माफी मांगने से मुकरे डोटासरा
इन मुद्दों पर हुए सवाल-जवाब: बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने सवाल किया कि क्या प्रदेश में उड़ीसा और मध्य प्रदेश की तर्ज पर गोसंरक्षण अभ्यारण्य बनाए जाएंगे? मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने नापासर में 5 करोड़ रुपए की लागत से अभयारण्य स्थापित करने की घोषणा की थी. इसको लेकर संस्था और विभाग के बीच एमओयू हुआ था, इसके बाद गोपालन निदेशालय की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए थे. बीकानेर कलेक्टर और जिला गोपालन समिति की ओर से प्रबंधन के लिए गौशाला समिति का चयन किया गया था. अनुबंध की पालना नहीं करने पर वर्ष 2020 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इसकी मंजूरी को निरस्त कर दिया था. भविष्य में सरकार अभयारण्य बनाने का विचार करती है.
श्रमिकों पर सवाल उठाया:विधायक फूल सिंह मीणा ने जावरमाइंस में कार्यरत श्रमिकों से जुड़ा सवाल लगया. इस पर मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र रोजगार में वरीयता दी जाएगी. सरकार इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करवाएगी. विधायक छोटू सिंह ने जैसलमेर स्थित प्राचीन मंदिरों की मरम्मत से जुड़ा सवाल उठाया.
विधायक छोटू सिंह ने उठाया मंदिरों का मुद्दाःजैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी ने विधानसभा के प्रश्न कल के दौरान जैसलमेर के प्राचीन मंदिरों और जर्जर देवालयों का मुद्दा उठाया. विधायक ने सरकार से जैसलमेर जिले में स्थित किलों में स्थापित मंदिरों समेत जैसलमेर जिले के कई प्राचीन मंदिरों जो कि सरकार और सम्बंधित विभाग की सूची में शामिल नहीं है, उनके जीर्णोद्धार मुद्दा उठाते हुए अपनी बात रखी. विधायक भाटी ने जैसलमेर के ऐतिहासिक नभडुंगर मंदिर और उसके पास स्थित प्राचीन मुहार महादेव के मंदिर का जीर्णोद्धार करवाने का मुद्दा सदन में रखा. इस पर पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में उक्त देवालय व प्राचीन मंदिर विभाग द्वारा संरक्षित किए जा रहे मंदिरों व देवालयों की सूची में शामिल नहीं है. वर्तमान में इसके जीर्णोद्धार या अन्य कार्यों के लिए किसी प्रकार की योजना विचारधीन नहीं है. साथ ही कहा कि विभाग द्वारा बजट की उपलब्धता या प्राथमिकता के आधार पर पुरातात्विक महत्व की इमारतों व मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया जाता है. इसके बाद जैसलमेर विधायक ने जैसलमेर के सीमावर्ती घोटारू समेत अन्य कई महत्वपूर्ण स्थानों, मंदिरों व जिले के ओरण भूमि को संरक्षित करने को लेकर भी प्रश्न किया. इस पर मंत्री दीया कुमारी ने जैसलमेर विधायक भाटी को आश्वस्त किया कि विधायक द्वारा प्रश्नकाल के दौरान जो भी कार्यो पर ध्यान आकर्षित किया गया है, उन सभी को हमारी सरकार निश्चित रूप से करवाएगी।
यह है मुहार मंदिर का इतिहासः इतिहासकारों के अनुसार हिंदू मंदिर शैली में निर्मित जिले के मुहार महादेव मंदिर का निर्माण जैसलमेर के पीले पत्थरों से हुआ है. जिले की ग्राम पंचायत सिपला के राजस्व गांव कुंभारकोठा क्षेत्र में आया मुहार महादेव मंदिर सदियों पुराना शिव मंदिर है. यह मंदिर नभडूंगर देवी मंदिर से दक्षिण में 3 किमी की दूरी पर है तथा श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यहां बड़ी तादाद में आसपास के गांवों से श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर के पीछे के शिलालेखों के अनुसार यह मंदिर आठ सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन माना जाता है.