बांदा: यूपी के बांदा जनपद की नरैनी तहसील में तैनात रहे एसडीम विकास यादव समेत तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों पर झांसी प्रयागराज खंड के शिक्षक विधायक बाबूलाल तिवारी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने का शनिवार को आरोप लगाया था. जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था.
वायरल वीडियो में शिक्षक विधायक यह साफ-साफ कहते दिखाई दे रहे हैं कि यहां अधिकारी सिर्फ बालू और दारू के भ्रष्टाचार में मस्त है. इन्हें जनता की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है. और मैं यह बात सदन में उठाऊंगा.
शिक्षक विधायक बाबूलाल तिवारी का वायरल वीडियो. (वीडियो क्रेडिट; सोशल मीडिया) बाबूलाल तिवारी ने यह भी कहा था कि अगर जनप्रतिनिधियों का काम नहीं हो रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम जनता की यहां क्या स्थिति होगी. शिक्षक विधायक ने तहसील के कर्मचारोयों को खूब खरी खोटी सुनाई थी.
दरअसल, शिक्षक विधायक बाबूलाल तिवारी ने कुछ साल पहले अपने एक विधि महाविद्यालय की कृषि जमीन को व्यावसायिक जमीन में परिवर्तित कराने को लेकर एक अपील की थी. फाइल तहसील में जमा की थी. शनिवार को वे तहसील पहुंचे थे. एसडीएम विकास यादव अपने ऑफिस से नदारत मिले थे.
वहीं वहां पर मौजूद कर्मचारियों से जब इन्होंने अपनी फाइल के संबंध में जानकारी ली तो पता चला फाइल ही तहसील से गायब है. जिस पर इन्होंने तहसील के कर्मचारियों को खूब खरी-खोटी सुनाई थी और पूरे मामले को सदन में उठाने की बात कही थी.
इसके बाद सीएम की समीक्षा बैठक में मंगलवार को मंडल के तमाम जनप्रतिनिधि पहुंचे थे. ऐसा माना जा रहा है कि इन्होंने इस मामले की मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी. जिस पर गुरुवार को मुख्यमंत्री ने एसडीएम को सस्पेंड कर दिया.
शिक्षक विधायक के द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद नरैनी तहसील में तैनात एसडीएम विकास यादव को डीएम नगेंद्र प्रताप ने मंगलवार को नरैनी तहसील से हटाकर कलेक्ट्रेट में डिप्टी कलेक्टर के पद पर संबद्ध कर दिया था. नरैनी तहसील में दूसरे एसडीएम सत्यप्रकाश को नियुक्त कर दिया था.
एसडीएम पर जनहित के काम में लापरवाही करने का आरोप है. इन्होंने जनहित के मामलों को समय से निस्तारित नहीं किया और काम में लापरवाही करते हुए अपने दायित्व का सही से निर्वहन नहीं किया. शासन की छवि को धूमिल करने का काम किया.
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