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शिक्षक की हुई विदाई तो स्टूडेंट्स की आंखें भर आई, शिष्यों का प्यार देख गुरु जी भी हुए भावुक - students Crying on teacher transfer

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 25, 2024, 7:57 PM IST

Updated : Jun 25, 2024, 8:35 PM IST

Mandi Students cried over teacher transfer: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय छातर में एक शिक्षक के तबादले की खबर मिलते ही छात्र-छात्राएं फूट-फूट कर रोने लगे. वहीं, छात्रों रोता देख शिक्षक भी भावुक हो गए. पढ़िए पूरी खबर...

शिक्षक की विदाई पर फूट-फूट कर रोए छात्र-छात्राएं
शिक्षक की विदाई पर फूट-फूट कर रोए छात्र-छात्राएं (ETV Bharat)

शिक्षक की विदाई पर फूट-फूट कर रोए छात्र-छात्राएं (ETV Bharat)

मंडी:अक्सर आपने छोटे बच्चों और छात्रों को स्कूल न जाने का बहाना बनाते देखा होगा. वहीं, ज्यादातर छात्रों में शिक्षकों का डर भी देखने को मिलता है. लेकिन हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से जो खबर सामने आई है, उसे देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे. यहां शिक्षक और छात्रों के बीच जो स्नेह और प्यार का संबंध देखने को मिल रहा है. ऐसा अमूमन शायद ही देखने को मिलता है. ये है मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय छातर. जहां तबादला होने पर एक शिक्षक की विदाई पर छात्र-छात्रा फूट-फूट कर रोते दिखें. वहीं, इन बच्चों के दिल में अपने लिए इतना प्यार देख शिक्षक भी भावुक हो गए.

भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है. हर इंसान को शिक्षा देने वाले गुरु ही हैं, जो उनके जीवन में शिक्षा का प्रकाश भरते हैं और उन्हें सही और गलत के बीच अंतर करना सिखाते हैं. इसलिए शिक्षकों को शिष्य का सच्चा पथ प्रदर्शक भी माना जाता है. कुछ ऐसा ही मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय छातर में देखने को मिला. जहां एक शिक्षक के तबादले का पता चलते ही बच्चे फूट-फूट कर रोने लगे. बच्चों का ये लगाव देखकर अध्यापक के भी आंखों से आंसू छलक गए.

बता दें कि रोशन लाल छातर स्कूल में शास्त्री शिक्षक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. उन्होंने विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के दिल में ऐसी जगह बनाई कि हर बच्चा अपना पठन-पाठन से लेकर सुख दुख और समस्याओं को रोशन लाल शास्त्री से ही बताते थे. शास्त्री ने विद्यालय के वातावरण को गुरुकुल की भांति सभ्य और संस्कारित कर दिया. इतना ही नहीं उन्होंने प्रत्येक बच्चों में संस्कृत के प्रति रुचि पैदा कर दी थी. खाली समय में स्कूल में संस्कृत के श्लोक सुनने को मिलते थे.

रोशन लाल बच्चों के पठन-पाठन, सुलेख, संस्कार युक्त कार्य के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाते थे. यही नहीं रोशन लाल गरीब परिवार के बच्चों को अपनी ओर से स्कूल ड्रेस, कॉपी और जूते देते थे. रोशन लाल ने विद्यालय के भौतिक विकास के लिए भी कई उत्कृष्ट कार्य किए. इससे पहले भी रोशन लाल ने नौलखा स्कूल के लिए विद्यालय भवन के लिए भूमि की व्यवस्था, पुराने विद्यालय के लिए शौचालय, रसोई घर, चारदीवारी निर्माण जैसे अनेक कार्य किए है. जिसके लिए उप शिक्षा निदेशक प्रारंभिक मंडी ने उन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं.

राजकीय माध्यमिक विद्यालय छातर की प्रभारी प्रिंसिपल शबनम सैनी ने कहा कि रोशन लाल शास्त्री कर्मठ और मेहनती अध्यापक हैं. विद्यालय में उनकी कार्यशैली सबसे भिन्न है. ये हमेशा बच्चों के बीच रहकर नई-नई चीजें सिखाते रहते हैं. बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहते है. इन्होंने लोगों के साथ विद्यालय की भूमि की समस्या का भी निदान किया.

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Last Updated : Jun 25, 2024, 8:35 PM IST

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