नई दिल्ली:दिल्ली में खाने-पीने के शौकीनों के लिए एक खास मौका है. कनॉट प्लेस में आयोजित सरस फूड फेस्टिवल में देश के 25 राज्यों से लखपति दीदियां पहुंची हैं, जो अपने पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद दिल्ली वालों को चखाने के लिए तैयार हैं. इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य न केवल लोगों को विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन परोसना है, बल्कि उन महिलाओं की मेहनत और संघर्ष की कहानी को भी उजागर करना है, जिन्होंने अपने कठिन समय को पार करते हुए इस मुकाम को हासिल किया.
सुमीरा समद की प्रेरणादायक कहानी
इस फेस्टिवल में अपनी उपस्थिति से सुमीरा समद ने सभी का दिल जीत लिया है. सुमीरा की कहानी संघर्ष और सफलता की मिसाल है. 2004 में उनके पति के निधन के बाद, वह अकेली अपने तीन बेटियों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी संभालने लगीं. कठिन परिस्थितियों के बीच, उन्होंने शुरुआत में घरों में काम किया और फिर पत्तल बनाने का काम किया, जिसमें उनकी बेटियों ने भी उनका साथ दिया.
सुमीरा के लिए समय कठिन था, और इस कठिनाई में उनका ससुराल पक्ष से कोई मदद नहीं मिली, लेकिन उनकी मां हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं. 2014 में स्वयं सेवा समूह के बारे में जानकर, सुमीरा ने अपने जीवन में एक नया मोड़ लिया. समूह में शामिल होने के बाद उनकी मेहनत और लगन ने रंग लाया. कुछ ही वर्षों में वह समूह की सक्रिय महिला बन गईं और आंध्र प्रदेश जाकर अपने फूड प्रोडक्ट को बेचने का मौका मिला.
झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद:सरस फूड फेस्टिवल में सुमीरा ने झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद पेश किया. ढुसका, दाल से बनने वाला पीठ, अनरसा और ढुस्का सूखा चाट जैसे व्यंजन यहां प्रस्तुत किए जा रहे हैं. दिल्ली वालों के बीच उनके व्यंजन काफी पसंद किए जा रहे हैं, और सुमीरा भी इस प्रतिक्रिया से खुश हैं.