कानपुर : केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) शहर के विकास के लिए लगातार विभिन्न योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए काश्तकारों की भूमि अधिग्रहण कर रहा है. इसी बीच बड़ा खुलासा हुआ है.
कानपुर विकास प्राधिकरण की जांच में सामने आया है कि बारासिरोही में मुआवजा देने के बाद भी 158 काश्तकारों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हैं और उनका कब्जा भी है. बहरहाल मामला संज्ञान में आते ही केडीए ने जिला प्रशासन को काश्तकारों की सूची भेजने के साथ ही सभी के नाम खारिज करने व अन्य गतिविधियों के लिए कार्मिक विभाग को चेतावनी भी दी है. जमीन लगभग पांच हेक्टेयर है और इसकी कीमत 80 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
कुछ समय पहले केडीए ने काश्तकारों को दिया था मुआवजा : कानपुर विकास प्राधिकरण के ओएसडी डॉ. रवि प्रताप सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले बारासिरोही के ही गांव से केडीए ने कई काश्तकारों से जमीन पहले अर्जित की थी. इसके एवज में उन्हें मुआवजा भी दिया गया था. हालांकि वहां अर्बन सीलिंग की करीब पांच हेक्टेयर जमीन पर अब यह बात सामने आई है कि 158 काश्तकार ऐसे हैं जिनका नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज है. यह नाम जमीन अधिग्रहण के बाद भी स्वामित्व संबंधी राजस्व रिकॉर्ड में अंकित रहे और इन्हें नहीं हटाया गया. बाद में मिलीभगत से केडीए की जमीन पर काश्तकारों ने अपने नाम दर्ज करा लिए, जिसकी अब जांच जारी है.
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