नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशनको बंद करने के सेंट्रल वक्फ काउंसिल के प्रस्ताव को चुनौती देनेवाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने फाउंडेशन को बंद करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इसकी स्थापना तब हुई थी जब अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय नहीं था. जब अल्पसंख्यकों के विकास के लिए सरकार काम कर रही है तो ये काम किसी और को नहीं दिया जा सकता है. केंद्र सरकार की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने कहा था कि फिलहाल अल्पसंख्यकों के विकास के लिए एक विशेष मंत्रालय है. इस मंत्रालय के पास पर्याप्त स्टाफ हैं. ये मंत्रालय अल्पसंख्यकों की जरूरतों के मुताबिक काम करती है. ऐसे में उनके विकास का काम किसी संस्था विशेष को देने के पुराने ढर्रे पर नहीं किया जा सकता है.