जयपुर: राजधानी में हो रहे 17वें जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (जिफ) के तीसरे दिन दुनियाभर की 61 फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई. जिसमें सिनेमा प्रेमियों को कला और कहानी कहने के विभिन्न रंगों का अनुभव मिला. इन फिल्मों में 16 फीचर फिक्शन, 34 शॉर्ट फिक्शन और एक डॉक्यूमेंट्री फीचर शामिल थी. वहीं विश्व सिनेमा के बदलते परिदृश्य पर चर्चाएं हुईं. जिसमें 25 देशों के करीब 80 उद्योग विशेषज्ञों, फिल्म मेकर्स और प्रोड्यूसर्स ने भाग लिया.
जयपुर के विभिन्न सिनेमाघर में हो रहे जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (जिफ) में रविवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेक्निकल प्रोग्रेस, थिएटर से परे ओटीटी और स्ट्रीमिंग जैसे सब्जेक्ट पर चर्चा की गई. वहीं द कलर्स ऑफ राजस्थान सत्र में संगीत निर्माता केसी मालू, फिल्मकार गजेंद्र श्रोत्रिय और अभिनेता एस सागर ने राजस्थानी सिनेमा की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की. चर्चा में क्षेत्रीय फिल्म निर्माण में गहरी सांस्कृतिक समझ और मार्केटिंग की आवश्यकता पर जोर दिया गया. वहीं सिनेमा बियॉन्ड बॉर्डर्स पैनल ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सह-निर्माण के अवसरों पर चर्चा की. जबकि एक अन्य सत्र में एआई और फिल्म निर्माण पर भी चर्चा की गई.
देवयानी ने शेयर किए अपने अनुभव: वहीं रविवार को साउथ इंडियन सिनेमा के जाने माने चेहरे देवयानी बेटरबेट ने अपने अनुभव शेयर किए. देवयानी कथई कोट्टई और सूर्य वंशम जैसी फिल्मों में यादगार भूमिका निभा चुकी हैं. तीन दशकों से काम कर रही देवयानी की बतौर निर्देशक फिल्म 'हैंडकरचीफ क्वीन' का भी महोत्सव में प्रदर्शन किया गया. इस दौरान देवयानी ने बताया कि उनकी मां का प्रोत्साहन और स्कूल थिएटर के शुरुआती अनुभवों ने अभिनय में उनका रास्ता तय किया. उनके करियर में कई चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं रही हैं, जिनमें खादेल कोटे के लिए चलती ट्रेन से कूदने का एक यादगार दृश्य शामिल है. उनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिकाओं में से एक बायोपिक में थी. जहां उन्होंने एक महान कवि की पत्नी की भूमिका निभाई. वहीं उभरते फिल्म निर्माताओं को सलाह देते हुए उन्होंने निरंतर सीखने और विनम्रता के महत्व पर जोर दिया.