रांची: झारखंड पुलिस अब तक सैटेलाइट इमेज के जरिए अफीम की फसल का पता लगाकर उसे नष्ट करने में लगी हुई थी, लेकिन अब झारखंड पुलिस उन खेतों की भी निगरानी करेगी, जहां पहले से अफीम की खेती होती रही है. इसके लिए उन खेतों की सैटेलाइट निगरानी के साथ-साथ मैप ड्रग ऐप का सहारा लिया जा रहा है.
20 हजार एकड़ फसल नष्ट हो चुकी है
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नवंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच झारखंड पुलिस ने अफीम माफिया को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है. झारखंड सीआईडी के ताजा आंकड़े बताते हैं कि राज्य के आठ अफीम प्रभावित जिलों में अब तक 20 हजार एकड़ में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया जा चुका है. अगर यह फसल अफीम तस्कर झारखंड से बाहर ले जाते, तो उन्हें करोड़ों या कहें अरबों रुपये का लाभ होता. लेकिन झारखंड पुलिस ने इस अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है.
सीआईडी आईजी सह एंटी नार्को टास्क फोर्स हेड का बयान (ईटीवी भारत) सैटेलाइट इमेज और मैप ड्रग ऐप से निगरानी
झारखंड सीआईडी के आईजी सह एंटी नार्को टास्क फोर्स के प्रमुख असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि झारखंड पुलिस सिर्फ अफीम की फसल को नष्ट करके ही नहीं रुकेगी, बल्कि उन इलाकों की भी लगातार निगरानी करेगी, जहां पहले अफीम उगाई गई थी. ताकि वहां दोबारा अफीम की अवैध खेती न हो सके. इसके लिए सैटेलाइट इमेज और मैप ड्रग ऐप की मदद ली जा रही है.
कैसे की जाएगी मॉनिटरिंग?
आईजी असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि जिन खेतों को अफीम से मुक्त किया गया है, उन पर नजर रखना रणनीति का अगला चरण है. इसके लिए एक विशेष प्रणाली बनाई गई है. पहले, पुलिस के पास दो तरह के सैटेलाइट इमेज आते थे—हैडरिन और वैजैक एन—जो यह बताते थे कि अफीम कहां उगाई जा रही है. उसके बाद, उन खेतों में जाकर फसल को नष्ट किया जाता था. लेकिन अब एक नया सिस्टम मैप ड्रग ऐप के रूप में आ गया है.
यह एक मोबाइल ऐप है, जिसके जरिए सभी अफीम प्रभावित जिलों के प्रत्येक थाने को अलग-अलग यूजर आईडी और पासवर्ड प्रदान किए गए हैं. इस ऐप में जीआईएस सर्विलांस के जरिए अफीम प्रभावित स्थानों की तस्वीरें अपलोड की जाएंगी. अगर दोबारा किसी खेत में अफीम उगाई जाती है, तो सैटेलाइट इमेज के माध्यम से पुलिस को इसकी पुख्ता जानकारी मिल जाएगी.
भारत सरकार का ऐप है मैप ड्रग
मैप ड्रग भारत सरकार द्वारा विकसित एक ऐप है, जिसे 2023 में लॉन्च किया गया था. इस ऐप को अफीम की अवैध खेती की पहचान करने के लिए बनाया गया है. इसे गृह मंत्री अमित शाह ने 2023 में लॉन्च किया था. अब 2025 से झारखंड पुलिस भी इस ऐप का उपयोग अफीम विरोधी अभियान में करेगी.
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