मुजफ्फरपुर:शहर के मिठनपुरा रोड के एक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाली छात्रा की हत्या के मुकदमे में आईओ की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इस केस की जांच कर चार्जशीट करने वाले दारोगा हरिनारायण चौधरी ने विशेष कोर्ट के समक्ष बयान दिया. इस दौरान दारोगा ने चार्जशीट की धारा के बारे में जानकारी होने से इंकार कर दिया.
पुलिस जांच की खुली कलई: बयान में कहा कि एससी/एसटी की सेक्शन 2/(5ए) की जानकारी नहीं है, जबकि दारोगा ने ही आरोपितों पर धारा 2/(5ए) के तहत चार्जशीट की थी. दारोगा के बयान से कोर्ट में पुलिस अनुसंधान की कलई खुल गई. विशेष कोर्ट ने दारोगा के खिलाफ डीपीजी को रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश से दारोगा पर विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है. कोर्ट में दारोगा की योग्यता पर सवाल उठा.
कोर्ट में दारोगा ने कहा- 'सेक्शन की जानकारी नहीं': कोर्ट में बयान देने के दौरान पहले तो दारोगा ने सेक्शन में रोमन लिपि में अंकित 5 (V) को 'वी' बताया. फिर कोर्ट के बार-बार पूछने पर कहा कि सेक्शन की जानकारी नहीं है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रिय रंजन उर्फ अन्नू ने बताया कि कोर्ट में दारोगा का बयान विरोधाभाषी है. दारोगा ने 31 अक्टूबर 2023 को आरोपितों पर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था.
मेडिकल की तैयारी कर रही थी छात्रा: मेडिकल की तैयारी कर रही छात्रा का शव मिठनपुरा रोड स्थित एक हॉस्टल के कमरे में मिला था. पिता ने हॉस्टल संचालक बद्री प्रसाद सिन्हा, शत्रुघ्न महतो और उपेंद्र चौधरी समेत 4 लोगों के खिलाफ मिठनपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. बोचहां निवासी पिता ने हॉस्टल संचालक पर करंट लगाकर पुत्री की हत्या करने का आरोप लगाया था. घटना के बाद कई दिनों तक आंदोलन चला था.
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