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Election campaign guidelines: चुनाव प्रचार में नाबालिग बच्चों को शामिल करने पर प्रतिबंध, निर्वाचन आयोग का निर्देश

election campaign guidelines: लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए है. भारत निर्वाचन आयोग ने किसी भी चुनाव-संबंधी गतिविधियों में बच्चों के इस्तेमाल के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं. निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी रूप में चुनाव अभियानों में नाबालिग बच्चों को शामिल नहीं करें.

election campaign guidelines
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 20, 2024, 1:41 PM IST

भिवानी: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव-2024 में मतदाताओं को अपनी ओर रिझाने के लिए कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार-प्रसार में किसी भी नाबालिग बच्चे का इस्तेमाल नहीं कर सकता. सभी राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों को बाल श्रम (निषेध और विनियमन) द्वारा संशोधित बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 का कड़ाई से अनुपालना करनी होगा. आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी कर किए हैं. इस बात की जानकारी भिवानी के जिला निर्वाचन अधिकारी नरेश नरवाल ने दिया.

चुनाव प्रचार के लिए दिशा निर्देश:भिवानी के जिला निर्वाचन अधिकारी नरेश नरवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि "भारत निर्वाचन आयोग ने किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधियों में बच्चों के इस्तेमाल के संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं. निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी रूप में चुनाव अभियानों में नाबालिग बच्चों का उपयोग न करें, जिसमें पोस्टर/पैम्फलेट का वितरण के अलावा नारेबाजी, रैलियां, चुनावी बैठकें शामिल हैं. निर्वाचन आयोग ने बच्चों के उपयोग के प्रति जीरो टॉलरेंस का संदेश दिया है. इनमें चुनाव संबंधी गतिविधियों में नाबालिग बच्चों की भागीदारी पर प्रतिबंध लगाया है.

चुनाव प्रचार में नाबालिग बच्चों का इस्तमाल नहीं:चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक नेताओं और उम्मीदवारों को किसी भी तरह से प्रचार गतिविधियों के लिए बच्चों का उपयोग नहीं करना चाहिए, जिसमें प्रचार-प्रसार के दौरान बच्चे को गोद में लेना, वाहन में बच्चे को ले जाना या रैलियों में शामिल करना शामिल है. जिला निर्वाचन अधिकारी नरेश नरवाल ने बताया कि "चुनाव प्रचार प्रक्रिया में वोट हासिल करने के लिए नाबालिग बच्चों से कविता, गीत, बोले गए शब्दों के माध्यम से उपयोग करना और प्रतीक चिन्ह भी निषेध है. इसके साथ कोई भी उम्मीदवार अपने या अपने नजदीकी संबंधी के नाबालिग बच्चों की उपलब्धियों को भी अपने चुनाव प्रचार में शामिल नहीं करेगा".

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