रांचीः एयरपोर्ट रोड स्थित ईडी के दफ्तर में मंगलवार का दिन बेहद गहमागहमी वाला है. ग्रमीण विकास विभाग में टेंडर घोटाला मामले में राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी के सवालों का जवाब देना है. वहीं मंत्री के पीए संजीव लाल और उनके नौकर भी जहांगीर आलम भी ईडी के रिमांड पर हैं.
पीए के यहां से मिले थे 35 करोड़
मंगलवार को मंत्री आलमगीर आलम को उनके पीएस के यहां से मिले 35 करोड़ रुपये को लेकर समन जारी किया गया था. छह मई को झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और उसके नौकर के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. ईडी की रेड में 35 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे. इस मामले में मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और उसके नौकर को गिरफ्तार किया गया है.
कमीशन का खेल
ईडी ने कोर्ट को यह जानकारी दी है कि पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत जांच के दौरान यह पता चला है कि वीरेंद्र कुमार राम ( गिरफ्तार) झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग से एक इंजीनियर है और ग्रामीण कार्य विभाग और ग्रामीण विकास विभाग (विशेष प्रमंडल), झारखंड सरकार के मुख्य अभियंता के रूप में प्रतिनियुक्त थे. वीरेंद्र कुमार राम टेंडर देने के लिए कमीशन एकत्र करते था और उस कमीशन का 1.5% का निर्धारित हिस्सा अपने वरिष्ठों और राजनेताओं के बीच वितरित करते थे.
जांच के दौरान विभाग के अन्य अधिकारियों की भी वसूली में संलिप्तता पाई गई. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि छह मई को तलाशी कार्रवाई से संबंधित निष्कर्ष और दोनों आरोपियों की मिलीभगत का उल्लेख पहले ही रिमांड याचिका में किया जा चुका है. इसके अलावा पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत तलाशी भी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद की गई थी.
सात मई को संजीव लाल के एक सहयोगी राजीव कुमार के परिसर से 2.13 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी. इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई के दौरान आपत्तिजनक सामग्री/ दस्तावेज/ डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए गए और जब्त की गई, जिनकी जांच की जा रही है. जांच में यह पता चला है कि संजीव लाल कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से कमीशन के पैसों को जमा करता था.