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धार भोजशाला विवाद : मुस्लिम समाज ने खारिज किया सर्वे, "प्राचीन इमारत पेड़-पौधा नहीं कि स्वरूप बदल जाए" - dhar bhojshala controversy

उत्तरप्रदेश की ज्ञानवापी की तरह धार के भोजशाला में हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवाार से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने निरीक्षण का काम शुरू किया. लेकिन मुस्लिम समाज ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है. मुस्लिम समाज का कहना है कि इस सर्वे का कोई मतलब नहीं है.

dhar bhojshala controversy
धार भोजशाला विवाद मुस्लिम समाज ने खारिज किया सर्वे

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 22, 2024, 5:17 PM IST

Updated : Mar 22, 2024, 5:37 PM IST

धार के शहर काजी वकार सादिक

धार।धार के शहर काजी वकार सादिक ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा "भोजशाला का सर्वे 1902 के बाद एक बार और हो चुका है. उस समय अटल सरकार ने हाईकोर्ट में दिए अपने जवाब में धार के विवादित स्थल को कमाल मौला मस्जिद बताया था. उस रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि भोजशाला कहां है, यह एक मिस्ट्री है. यह रिपोर्ट पहले से हाईकोर्ट के रिकॉर्ड पर है. इसलिए अब आर्कियोलॉजिकल सर्वे अपनी पुरानी रिपोर्ट से पलट नहीं सकता."

इंदौर शहर काजी फिर जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

इंदौर हाईकोर्ट में हाल ही में दायर इस मामले की याचिका में हिंदू प्रतीक चिह्न मिलने के दावे पर शहर काजी वकार सादिक का कहना है "भोजशाला एक निर्जीव इमारत है. कोई पेड़ पौधा नहीं है जो अब उस पर फल लगने लगे हों. इसलिए 1902 के बाद यदि वहां कोई बदलाव हुए हैं तो आर्कियोलॉजिकल की टीम इसकी भी जांच करेगी कि यह चीज कहां से आई. हमें आर्कियोलॉजिकल सर्वे पर पूरा विश्वास है." सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई खारिज होने के सवाल पर शहर काजी का कहना था "कोर्ट ने फिलहाल इस केस को इमरजेंसी में सुनने से इनकार किया है. इसमें हम आगे पूरी तैयारी से फिर से कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगे.'

मुस्लिम समाज सभी पक्षों को नहीं बनाया पक्षकार

धार शहर काजी ने हाईकोर्ट में दायर केस में भी मुस्लिम समाज के सभी पक्षों को पक्षकार नहीं बनाए जाने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा "इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मजार के मुअकिल, कब्रिस्तान वालों को उर्स कमेटी को और इमाम को पक्षकार नहीं बनाया गया. रोड पर चलते किसी व्यक्ति को पक्षकार बनाए जाने से यह पूरे समाज का मामला नहीं हो जाता. इसलिए अब कमल मौलाना समिति के संबंधित व्यक्ति को बुलाया जाएगा. इसके बाद हम सभी लोग चर्चा करके इस केस में आगे मूव करेंगे." उन्होंने कहा कि धार में हिंदू और मुस्लिम हमेशा एक होकर रहे हैं लेकिन 10-15 बाहरी लोग इस पूरे मामले को खड़ा करना चाहते हैं. ये लोग कौन हैं, यहां कैसे आ गए, हमें पक्षकार क्यों नहीं बनाया.

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तो क्या सर्वे के दौरान कब्रें खोदी जाएंगी

उन्होंने कहा "कब्रिस्तान में भी यहां 800 साल से लोग दफन हैं. क्या अब सर्वे के दौरान उनकी कब्र भी खोदी जाएगी. जरूरत इस बात की है कि जो लोग विवादित स्थल के 50 मीटर के दायरे में आ गए हैं. फिलहाल उन्हें यहां से बाहर करना चाहिए. उन्होंने दोहराया कि इससे पहले जो सर्वे रिपोर्ट आई हैं वही नई रिपोर्ट में भी आएगा. यदि नहीं आया तो ऐसी रिपोर्ट शंका पैदा करने वाली रहेगी. इसलिए हम इस सर्वे से संतुष्ट नहीं हैं. मुस्लिम समाज भी अब यहां पांच टाइम की नमाज अता करने के लिए कोर्ट में अपील करेगा."

Last Updated : Mar 22, 2024, 5:37 PM IST

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