नई दिल्ली:दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में आने वाले दर्शकों के लिए एक अच्छी खबर है. अब वह दिल्ली के सांप घर का भी दीदार कर सकेंगे. जी हां, यह 6 महीने से पूरी तरीके से बंद था क्योंकि सांप सर्दी के मौसम में शीत निद्रा में चले जाते हैं. जिस वजह से रेप्टाइल हाउस बंद कर दिया जाता है. अब जैसे ही मौसम में बदलाव हो रहा है गर्मी शुरू हो रही है तो अब यह एक अप्रैल से खोल दिया जाएगा. चिड़िया घर आने वाले दर्शक यहां पर जाकर सांपों को भी देख सकेंगे और उनके बारे में भी जान सकेंगे.
दिल्ली जू में नींद से जागे जहरीले सांप, नाग-नागिन से लेकर कोबरा तक का 1 अप्रैल से कर सकेंगे दीदार - Reptile house will open from April
Reptile house will open from April: राजधानी स्थित जू में लोग 1 अप्रैल से अजगर, कोबरा व अन्य सांप का दीदार कर सकेंगे. सांप सर्दी के मौसम में शीत निद्रा में चले जाते हैं. जिस वजह से रेप्टाइल हाउस बंद कर दिया जाता है.
Published : Mar 28, 2024, 12:59 PM IST
|Updated : Mar 28, 2024, 3:28 PM IST
सर्दी में हाइबरनेशन में जाते हैं सांप:सर्दी शुरू होते ही सभी सांप की प्रजातियां हाइबरनेशन में चली जाती हैं. सांप कोल्ड ब्लडेड जानवर होते हैं. ऐसे में अगर बाहर का टेंपरेचर ठंडा हो जाता है तो यह सांपों के लिए खतरनाक होता है. जिसकी वजह से सर्दी का मौसम शुरू होते ही चिड़ियाघर का रेप्टाइल हाउस दर्शकों के लिए बंद कर दिया जाता है. सिर्फ सांपों को खाना डालने के लिए ही स्टाफ अंदर जाता है. यहां पर सर्दी से बचाव के लिए ब्लोअर और पुआल का इंतजाम कर दिया जाता है. ताकि सांपों को सर्दी ना लगे और उनकी जान बच सके.
13 प्रजातियों के हैं सांप:दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में अभी 13 तरीके के सांप हैं. जिसमें कोबरा, अजगर, दोमुहा सांप, धामिन, घोड़ा पछाड़ शामिल है. दर्शक बड़ी संख्या में रेप्टाइल हाउस आते हैं और इनके बारे में जानकारी लेते हैं सर्दी के मौसम में यह दर्शकों के लिए बंद था. वहींं, सेंट्रल जू अथॉरिटी की डीआईजी आकांक्षा महाजन का कहना है कि सांप घर में ऐसा बदलाव किया जाएगा, जिससे की सर्दियों में सांपों को सर्दी न लगे और सांप घर को बंद न करना पड़े. गर्मियों में ही सांप घर में स्ट्रक्चर बदलाव कर लिया जाएगा. बता दें कि 176 एकड़ में फैले नेशनल जूलॉजिकल पार्क का डिजाइन श्रीलंका के मेजर वीनमैन और पश्चिम जर्मनी के कार्ल हेगलबेक ने वर्ष 1959 में बनाया था. यहां पर लगभग 1200 से अधिक जानवर व पक्षियां हैं.