रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मंत्री प्रदीप यादव ने सदन के अंदर ध्यानाकर्षण के जरिए अल्पसंख्यक मुसलमानों की शिक्षा और कल्याण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया. प्रदीप यादव ने कहा कि झारखंड में अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों की स्थिति अच्छी नहीं है. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को राज्य में लागू नहीं किया गया है. हमने सरकार से अल्पसंख्यक कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं की स्थिति जानने की कोशिश की है.
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि राज्य में उर्दू शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं. लंबे समय से उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है और 3712 पद रिक्त हैं. उन्होंने राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए अलग से उर्दू-फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की और कहा कि जब तक यह शुरू नहीं होता है, इसे किसी विश्वविद्यालय से संबद्ध करके शुरू किया जाना चाहिए.
प्रदीप यादव के सवाल पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि शेख भिखारी के नाम पर उर्दू-फारसी विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव है. प्रदीप यादव ने कहा कि मॉब लिंचिंग रोकने के लिए सरकार द्वारा पहले पारित विधेयक को राजभवन ने लौटा दिया था, इसे दोबारा विधानसभा से पारित कराकर भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज सदन में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और जो सरकार के संज्ञान में आए हैं, अल्पसंख्यक मुसलमानों के हित में आगे बढ़ेंगे.