छिंदवाड़ा।पिछले माह बीजेपी में जाते-जाते रह गए कमलनाथ व उनके बेटे नकुल नाथ का एपिसोड लगता है अभी पूरा नहीं हुआ है. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर नामांकन के पहले बड़ा राजनीतिक फेरबदल होने की आशंका जताई जा रही है. दरअसल, कमलनाथ के सबसे नजदीकी और छिंदवाड़ा में कांग्रेस के जनाधार वाले नेता दीपक सक्सेना ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और उनके छोटे बेटे अजय सक्सेना ने भोपाल में बीजेपी का दामन थाम लिया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि पूर्व सीएम कमलनाथ के इशारे पर ये सब हुआ.
प्रचार छोड़कर अचानक दिल्ली क्यों रवाना हुए नकुलनाथ
चार दिन तक छिंदवाड़ा में रैलियां करने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. छिंदवाड़ा में प्रचार की बागडोर सांसद नकुलनाथ ने संभाल रखी थी. इसी दौरान छिंदवाड़ा में तीन दिन तक कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने डेरा डाला और करीब ढाई हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल करा लिया. इसी दौरान अचानक छिंदवाड़ा के कांग्रेस के बड़े नेता और कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और उनके बेटे अजय सक्सेना ने भाजपा का दामन थाम लिया. इन्हीं गतिविधियों के बीच अचानक सांसद नकुल नाथ का चुनाव प्रचार छोड़कर दिल्ली जाना कई सवाल खड़े करता है.
दिल्ली जाने से पहले दीपक सक्सेना से मिले नकुल नाथ
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नकुलनाथ दिल्ली जाने से पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री दीपक सक्सेना के घर रोहना गांव में जाकर मिले और उनसे कमलनाथ की वीडियो कॉलिंग पर चर्चा भी करवाई. दोनों के बीच क्या बात हुई, यह सामने खुलकर नहीं आया है. वरिष्ठ पत्रकार मनीष तिवारी का कहना है "जब से छिंदवाड़ा जिले में कमलनाथ में राजनीति शुरू की है, उसके पहले से दीपक सक्सेना यहां से कांग्रेस के जनाधार वाले नेता रहे हैं. कमलनाथ के राजनीतिक कैरियर को बढ़ाने में दीपक सक्सेना का अहम योगदान है. दीपक सक्सेना भी कमलनाथ को अपना बड़ा भाई मानते हैं. कमलनाथ के इशारे के बिना दीपक सक्सेना के लिए इतना बड़ा फैसला लेना संभव नहीं है."