देहरादून: दून नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े के मामले पर हुए करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े में जल्द कार्रवाई हो सकती है. स्वच्छता समिति में हुए फर्जीवाड़े में सीडीओ ने जांच पूरी करने के बाद जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी है और यह रिपोर्ट अब जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही नगर आयुक्त के पास जाएगी. उसके बाद जांच में फर्जी पाए गए 99 कर्मचारियों के नाम पर जारी किए गए वेतन की रिकवरी की जाएगी. अगर जिनसे रिकवरी नहीं होगा, उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि, साल 2019 में तीसरी बोर्ड बैठक में निर्णय लेने के बाद नगर निगम के सभी 100 वार्डों में साफ-सफाई के लिए स्वच्छता समिति बनाई गई थी. प्रत्येक वार्ड में बनाई गई समिति में 8 से 12 सफाई कर्मचारी कार्यरत बताए गए थे और 15-15 हजार रुपए स्वच्छता समिति को दिया जाता है. ऐसे में शहर भर में सफाई कर्मचारियों की ये संख्या करीब एक हजार है. नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने से पहले सफाई कर्मचारियों का वेतन स्वास्थ्य समिति को दिया जाता था. लेकिन 2 दिसंबर को बोर्ड भंग होने के बाद नई व्यवस्था बनाने का प्रयास किया गया था.
कर्मचारियों के वेतन और पीएफ आदि में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद सीधे कर्मचारियों के खाते में वेतन की धनराशि ट्रांसफर करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए नगर निगम ने समितियों के एक-एक कर्मचारी की भौतिक उपस्थिति, आधार कार्ड और बैंक खाता संख्या जुटाए गए थे. लेकिन नगर निगम की टीम ने सत्यापन में पाया कि पहले उपलब्ध कराई गई सूची में से कई कर्मचारी मौके पर नहीं मिले और उनके स्थान पर अन्य व्यक्ति कार्य करते पाए गए, जिससे साफ हो गया की सूची के अनुसार दिया जा रहा वेतन गलत व्यक्ति को दिया जा रहा था.
इसके बाद नगर निगम प्रशासक सोनिका (जिलाधिकारी) ने सीडीओ को मामले की जांच सौंपी. वहीं भौतिक सत्यापन के साथ दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि 99 कर्मचारी ऐसे थे, जिनके नाम नगर निगम को उपलब्ध कराए गए थे लेकिन वह मौके पर नहीं थे. सीडीओ द्वारा इसकी जांच रिपोर्ट नगर निगम प्रशासन को सौंप दी है और नगर निगम प्रशासन जल्द ही यह रिपोर्ट नगर आयुक्त को देगा. बोर्ड भंग होने से पहले पार्षदों के पास ही स्वच्छता समितियां का अधिकार था.