भोपाल। राजधानी के न्यू मार्केट में बुधवार को अतिक्रमण हटाने गए नगर निगम के अधिकारी की कार्यप्रणाली के चलते विवाद की नौबत बन गई. जिसके बाद व्यापारियों ने उसकी शिकायत टीटी नगर थाने में दर्ज कराई है. दरअसल व्यापारियों का आरोप है कि नगर निगम के सहायक अतिक्रमण अधिकारी शैलेंद्र सिंह भदौरिया मार्केट में अतिक्रमण हटाने के लिए आए थे. इस दौरान जहां अतिक्रमण था उसे हटाने की बजाय रजिस्ट्री वाली जगह से भी अतिक्रमण हटाने लगे. व्यापारियों ने विरोध किया तो अपनी लायसेंसी पिस्टल हवा में लहराकर लोगों को धमकाने लगे.
दुकान में रखे सामान को पहुंचाया नुकसान
न्यू मार्केट के व्यापारी प्रकाश मीरचंदानी ने बताया कि "न्यू मार्केट में जिस समय अतिक्रमण अधिकारी शैलेंद्र सिंह भदौरिया आए उस समय अतिक्रमणकारी नहीं आए थे. ऐसे में शैलेंद्र सिंह स्थाई व्यापारियों की दुकानों को अंदर कराने लगे जबकि जितनी जमीन की रजिस्ट्री है, व्यापारी उसी में अपना व्यापार कर रहे हैं. जब इसका विरोध किया तो उन्होंने मेरी दुकान में रखी अलमारी को नुकसान पहुंचाया. उसमें लगे कांच को भी फोड़ दिया साथ ही पिस्टल हवा में लहराने लगे."
अधिकारी बदलते रहे, नहीं हटा पाए अतिक्रमण
शहर का सबसे सुंदर बाजार न्यू मार्केट, जहां शहर के साथ आसपास के जिलों से भी लोग खरीदारी करने आते हैं. दूसरे प्रदेशों से आने वाले पर्यटक भी न्यू मार्केट घूमने जरुर जाते हैं लेकिन यहां पसरा अतिक्रमण बाजार के लिए नासूर बन गया है. बीते 15 से 20 साल में नगर निगम में कई अधिकारी बदल गए, लेकिन अब तक कोई अतिक्रमण नहीं हटा पाया. हालात ये हैं कि पूरे बाजार में अवैध वेंडरों का कब्जा है. खरीदारों को निकलने के लिए गलियों में भी जगह नहीं बचती है. इससे सबसे अधिक परेशानी लड़कियों और महिलाओं को होती है. ऐसे में बाजार के अंदर छेड़छाड़, चोरी और लड़ाई-झगड़े की घटनाएं आम हो गई हैं.
500 रुपये में जगह, 200 रुपये मेहनताना
नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ व्यापारियों ने बताया कि "यहां अतिक्रमण के बड़े सरगना काम कर रहे हैं. जिनकी नगर निगम और पुलिस से मिलीभगत रहती है. यही लोग बाजार में अवैध अतिक्रमण कराते हैं. बाजार और गलियों में दुकान लगाने वालों से अवैध वसूली करते हैं. अवैध वेंडरों से खड़े होने के बदले 500 रुपये वसूले जाते हैं. वहीं यदि खुद का सामान नहीं बेचना है तो अतिक्रमण माफिया अपना सामान बेचने के लिए देते हैं. इसके बदले वेंडर को 200 रुपये प्रतिदिन का मेहनताना दिया जाता है.