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बदायूं महिला जज का अयोध्या सरयू घाट पर हुआ अंतिम संस्कार, अब मौत के सवालों को खोजेगी पुलिस

बदायूं सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय की मौत (Badaun Female Judge Suicide) मामले में परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि उनकी होनहार बेटी ऐसा कदम नहीं उठा सकती है. बहरहाल, रविवार को ज्योत्सना राय के शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 4:07 PM IST

बदायूं महिला जज की मौत मामले में जानकारी देते एसएसपी, भाई और सीओ.

बदायूं : बदायूं सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय के शव का रविवार सुबह पोस्टमार्टम हो गया. जज ने सुसाइड नोट में अंतिम संस्कार की इच्छा अयोध्या स्थित सरयू घाट पर जताई थी. जज के परिजन बदायूं से शव को सरयू घाट ले गए और वहां देर शाम अंतिम संस्कार किया गया. यहां से जाने से पूर्व जज की मौत पर परिजनों द्वारा सवाल भी उठाए गए. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से प्रथमदृश्ट्या मामला सुसाइड का ही बताया जा रहा है. हालांकि, महिला जज के पिता अशोक कुमार राय द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर.
परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर.

पिता ने जताया हत्या का शक : महिला जज ज्योत्सना राय के पिता अशोक कुमार की एफआईआर के मुताबिक उन्हें बेटी के आत्महत्या के मामले की सूचना फोन से मिली थी. बताया गया कि उनकी पुत्री ने आत्महत्या कर ली है. जबकि दो फरवरी की रात को उसने अपनी मां से बात की थी और बहुत खुश थी. मेरी बेटी की आत्महत्या करने का कोई कारण नहीं है. मेरी बेटी सरकारी आवास में अकेली रहती थी. मुझे शक है कि उसे किसी ने मार दिया है.

एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने मीडिया को बताया था कि शव के पास से कुछ डॉक्यूमेंट मिले हैं. महिला सिविल जज जूनियर डिवीजन के भाई हिमांशु शेखर राय ने रविवार को पोस्टमार्टम हाउस पर कहा कि पुलिस को एक डायरी मिली है. जिसके कुछ पन्ने फटे हुए हैं. इसकी गहनता से जांच की जानी चाहिए. उन्होंने क्वार्टर के खिड़की दरवाजों को लेकर भी कुछ सवाल उठाए थे. कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था भी उनके अनुसार ठीक नहीं थी.

सीओ का बयान :सीओ सिटी आलोक मिश्रा द्वारा बताया गया कि पता चला था कि जजेस कंपाउंड में महिला जज आवास का दरवाजा नहीं खोल रही है. मौके पर तत्काल पुलिस पहुंची और दरवाजा तोड़ा गया जब पुलिस अंदर पहुंची तो देखा गया उनके आत्महत्या की बात सामने आई. मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला था, जिसकी जांच की जा रही है. बहरहाल महिला जज के परिजनों ने आशंका जताई है कि मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती. इस बाबत पिता की तहरीर पर सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

महिला जज के भाई हिमांशु शेखर राय ने बताया है कि उनकी बहन बहुत होनहार थी. उसने फर्स्ट अटेम्प्ट में ही परीक्षा क्लियर कर ली थी. अभी 15 दिन पहले वह अपने पिता को लखनऊ में नई कार खरीद कर आई थी. मौत से दो दिन पहले उसने नया सोफा खरीदा था और लखनऊ में प्लाॅट लेना चाहती थी. जिसके लिए हम सभी प्रयास कर रहे थे. हम लोगों को आज ही एक प्लाट देखने भी जाना था. ऐसे में कोई सुसाइड कैसे कर सकता है. कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है.

जांच में जुटी पुलिस :बहरहाल परिजनों के सारे सवालों से पुलिस की जांच के बाद ही पर्दा उठ सकेगा. पुलिस के पास वह डायरी भी है जिसके पन्ने फटे हुए हैं. महिला जज का सुसाइड नोट और मोबाइल सबसे महत्पूर्ण है. सूत्रों से पता चला है कि महिला जज उस रात किसी से फोन पर तेज आवाज में बातें कर रही थीं. पुलिस जांच में महिला जज के फोन की कॉल डिटेल से महत्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं. फिलहाल महिला जज का अंतिम संस्कार उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार परिजनों ने अयोध्या के सरयू घाट पर रविवार देर शाम कर दिया.

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