जयपुर. मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट को राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिशाहीन और निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्रप्रदेश और बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया है. भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन पूरे बजट में राजस्थान का नाम तक नहीं था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर अशोक गहलोत ने कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में राजस्थान को केवल निराशा हाथ लगी है. ऐसा लगा कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने केवल आंध्रप्रदेश एवं बिहार को ही पूरे देश का बजट सौंप दिया हो. भौगोलिक एवं सामाजिक रूप से हमारे राजस्थान को विशेष पैकेज की आवश्यकता थी, लेकिन पूरे बजट भाषण में राजस्थान का नाम तक नहीं आया. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान तथाकथित डबल इंजन की सरकार से डबल विकास के भ्रामक दावे के बगैर प्रधानमंत्री का कोई भाषण समाप्त नहीं होता था.'
ERCP पर घोषणा नहीं, प्रदेश के हित से खिलवाड़ : अशोक गहलोत ने कहा, 'हमें आशा थी कि केंद्र सरकार इस बजट में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देगी और ERCP के लिए विशेष फंड मिलेगा, लेकिन केंद्र सरकार ने ERCP पर भी कोई घोषणा ना कर राजस्थान के हितों के साथ खिलवाड़ किया है. पहले भाजपा सरकार का वादा 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष का था, लेकिन अब 5 साल में 1 करोड़ इंटर्नशिप एवं 5 हजार रुपये महीने देने की घोषणा बजट में की गई है.'
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महंगाई को काबू करने के उपाय नहीं : उन्होंने कहा कि महंगाई को काबू करने के लिए इस बजट में कोई उपाय नहीं किए गए हैं. न तो पेट्रोल-डीजल पर कोई टैक्स कम किया गया और न ही रसोई गैस सस्ती की गई. राजस्थान में हमारी सरकार ने 500 रुपये में गैस सिलेंडर दिया. जब राजस्थान राज्य ऐसा कर सकता है तो केंद्र सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? पूरे बजट भाषण को पढ़ने के बाद जनता निराश है. ऐसा दिशाहीन बजट देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में शायद ही कामयाब हो.