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वाराणसी में अद्भुत पहल: काशी के मंदिरों की इस चीज से सजा सकेंगे घर, महकेगा आंगन - Amazing initiative in Varanasi

काशी के मंदिरों का वेस्टेज (Amazing initiative in Varanasi) अब लोगों का घर चमकाने और सजाने का काम आएगा. ऐसा वाराणसी नगर निगम की विशेष पहल के कारण संभव हो सकेगा. जानिए क्या है नगर निगम की खास व्यवस्था...

वाराणसी नगर निगम की अद्भुत पहल.
वाराणसी नगर निगम की अद्भुत पहल. (Photo Credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 21, 2024, 6:33 PM IST

वाराणसी नगर निगम की अद्भुत पहल. (Video Credit-Etv Bharat)



वाराणसी :धर्म अध्यात्म और मंदिरों का शहर बनारस जहां सुबह सूर्य उदय होने के साथ मंदिरों के घंटे, घड़ियाल और शंख की आवाज हर किसी को अपनी तरफ खींच लेती है. मंदिरों के इस शहर में सड़कों से लेकर गलियों तक में पौराणिक और पुरातन मंदिरों की भरमार है. मंदिरों की संख्या कितनी है यह बता पाना फिलहाल नामुमकिन है. हालांकि अब नगर निगम वाराणसी ने मंदिरों का सर्वे शुरू कराया है. नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार बनारस के ऐसे 515 मंदिरों का सर्वे हुआ है, जहां से प्रतिदिन माला फूल और अन्य तरह का धार्मिक निर्माल्य (कचरा) हजारों किलो की तादाद में निकलता है. प्रतिदिन निकलने वाले इस निर्माल्य के निस्तारण के लिए नगर निगम ने खास व्यवस्था बनाई है.

घरों को महकाने और सजाने में होगा निर्माल्य का उपयोग :वाराणसी नगर निगम के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव का कहना है कि सर्वे में 100 वार्डों के 515 मंदिरों की डिटेल जुटा गई है. इन मंदिरों से प्रतिदिन लगभग 3500 से 3800 किलोग्राम कचरा आम दिनों में निकलता है. विशेष पर्व सावन, शिवरात्रि, नवरात्र, बसंत पंचमी, गुरु पूर्णिमा समेत कई पर्वों पर प्रतिदिन लगभग 10 हजार किलो कचरा निकलता है. इसका निस्तारण निश्चित तौर पर चैलेंज है.

धार्मिक दृष्टि से मंदिर से निकलने वाले फूल और अन्य तरह के कचरे को निस्तारित करने के लिए अलग प्रबंध की व्यवस्था करनी होती है. इसको या तो पवित्र नदियों के किनारे बालू में दबाया जाता है या फिर अलग तरीके से इसका निस्तारण होता है. अब इस तरह के मंदिरों के माला फूल व अन्य चीजों को सामाजिक संस्थाओं और कुछ कंपनियों के साथ मिलकर एक अलग तरीके से इस्तेमाल करने की तैयारी की गई है.

माला, फूल को सुखाकर अगरबत्ती, धूप, हवन सामग्री बनाने का काम शुरू किया जाएगा. इससे एनजीओ की मदद से महिलाओं को रोजगार भी दिया जाएगा. इसके अलावा सजावटी सामान और घरों को महकाने के लिए रूम फ्रेशनर और स्प्रे का निर्माण भी किया जाएगा. कुल मिलाकर 515 मंदिरों से निकलने वाले निर्माण लेकर जरिए घरों को सजाने से लेकर महकने का काम किया जाएगा. अभी सर्वे के हिसाब से अन्य मंदिरों पर भी काम किया जा रहा है. यह काम आने वाले कुछ दिनों में शुरू कर दिया जाएगा. सर्वे पूरा हो चुका है. कंपनी के साथ बातचीत करके इस पर जल्द कार्य शुरू करने की तैयारी है.

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