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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 7:40 PM IST

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अपहरण के केस में सजा के खिलाफ पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अपील पर सुनवाई जारी - Allahabad High Court News

इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपहरण के मामले में सजा के खिलाफ पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अपील पर सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में मिली सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर गुरुवार को सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया. बुधवार को लंच के बाद तीन घंटे तक चली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर वालिया वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद और एडवोकेट कार्तिकेय सरन व एसपी सिंह ने धनंजय सिंह के पक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए.

राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने अभियोजन का पक्ष रखा. इससे पहले इस मामले में ट्रायल कोर्ट का रिकार्ड पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है. एडवोकेट वालिया ने धनंजय सिंह को इस मामले में राजनीतिक द्वेषवश फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में तथ्य के जो तीन गवाह हैं, उनमें से दो सरकारी कर्मचारी और एक प्रोजेक्ट का कर्मचारी है, जिन पर दबाव बनाकर झूठी गवाही कराई गई है.

इसके बावजूद अभियोजन पक्ष ट्रायल कोर्ट में अपना केस साबित नहीं कर सका. उन्होंने यह भी कहा कि धनंजय सिंह का जो आपराधिक इतिहास बताया गया है, उनमें अधिकतर मुकदमे राजनीतिक द्वेष वश दर्ज कराए गए क्योंकि वह विधायक और सांसद रह चुके हैं. इस मामले के अलावा दो दर्जन मामलों में वह बरी हो गए और चार में फाइनल रिपोर्ट लग गई एवं कुछ सरकार ने वापस भी ले लिए. उन्होंने कहा कि इस मामले के ट्रायल के दौरान वह जमानत पर थे और उन्होंने जमानत का कोई भी दुरुपयोग नहीं किया. वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसलिए उनकी सजा स्थगित कर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए.

गौरतलब है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत एसटीपी के प्रोजक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में जौनपुर की विषेश अदालत एमपी/एमएलए ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषसिद्ध पाते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी. अपील में सजा को निरस्त करने की मांग की गई है. साथ ही अपील के निस्तारण तक सजा का आदेश स्थगित रखने और जमानत पर रिहा की मांग में अर्जी दाखिल की गई है.

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