रुद्रप्रयाग:उत्तराखंडकेरुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी रौद्र रूप धारण करके बह रही है. नदी का जल स्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बहने से लोगों ने अपने आवासीय भवनों को खाली कर दिया. सुविधानगर में वाल्मीकि समाज के पांच परिवारों ने घरों को छोड़ दिया है. जबकि बेलनी में हनुमान मंदिर के साधु संतों और भक्तों ने सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर रख लिया है.
वहीं अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण कई मोहल्ले जल मग्न हो चुके हैं. यहां केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत का आवास भी पानी से लबालब हो चुका है. इसके अलावा द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के मुख्य पड़ाव गौंडार गांव के पास बनतोली नदी का जल स्तर बढ़ने से अस्थाई पुलिया को खतरा पैदा हो गया है. पिछले साल यहां पर स्थाई पुल नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण तेज बहाव में बह गया था. अब अस्थाई बनाए गए लकड़ी के पुल को भी खतरा पैदा हो गया है.
आवासीय भवनों को खतरा: ऊंचाई वाले इलाकों से लेकर निचले क्षेत्रों में तीन दिनों से लगातार बारिश जारी है. बदरीनाथ क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. आज सुबह करीब दस बजे तेजी से नदी का जल स्तर बढ़ने लगा. अचानक से नदी का जल स्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बढ़ गया, जिस कारण सुविधानगर में बसे वाल्मीकि समाज के पांच आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया. वाल्मीकि समाज के लोगों ने किसी तरह आनन-फानन में अपने घरों से सामान निकाला. इसके साथ ही बेलनी स्थित हनुमान मंदिर तक भी पानी पहुंचने वाला है. नदी बस आधा मीटर दूर तक बह रही है, जिस कारण मंदिर में रह रहे साधु-संतों के साथ भक्तों ने सामान निकाल लिया है.
विधायक आवास डूबा:वहीं केदारघाटी के अगस्त्यमुनि नगर क्षेत्र में देर रात से हो रही भारी बारिश से कई मोहल्ले जलमग्न हो गए हैं. जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से हालात काफी बिगड़ गए हैं. वसंत विहार में विधायक केदारनाथ शैलारानी रावत का आवास सहित कई घरों में देर रात बरसाती पानी घुस गया. सुबह होते-होते घरों के अहाते और रास्ते पानी से लबालब हो गए.
नगर क्षेत्र की स्टेट बैंक कॉलोनी के बीच में बहने वाला नाला भारी उफान पर आने से उसका पानी सड़क पर ऐसा बहने लगा मानो नदी इधर ही बह रही हो. नाले में क्षमता से अधिक पानी आने से इस मोहल्ले में कई घरों एवं दुकानों में पानी भर गया. नगर क्षेत्र के बंसत विहार में हालात ज्यादा खराब रहे, इसी क्षेत्र में सबसे अधिक घरों में पानी घुसा.