देहरादून:लोकसभा चुनाव 204 कांग्रेस के लिए आसान नहीं रहा. लोकसभा चुनाव के बीच बीच में कांग्रेस के अपने ही उसे झटके पर झटके देते रहे. हालात ये रहे कि लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले ही कांग्रेस को बड़े झटके लगे. कांग्रेस के दिग्गज लगातार हाथ का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामते रहे. कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं की बात करें तो इस लोकसभा चुनाव में करीब 15 से 20 दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस का साथ छोड़ा. इसमें कार्यकर्ता और समर्थकों की गिनती शामिल नहीं है.
उत्तराखंड कांग्रेस के लिए 17 मार्च को दिल्ली से बुरी खबर आई. इस बदरीनाथ विधायक राजेंद्र भंडारी ने दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन की. राजेंद्र भंडारी ने दिल्ली में पीयूष गोयल, सीएम धामी, अनिल बलूनी और दुष्यंत कुमार गौतम की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली. पौड़ी लोकसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट अनिल बलूनी ने राजेंद्र भंडारी का पार्टी में शामिल होने पर स्वागत किया.
उससे पहले 16 मार्च को कांग्रेस को हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं ने झटका दिया. अनुकृति गुसाईं ने भी कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दिया. बता दें अनुकृति गुसाईं ने साल 2022 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर पड़ा था. उन्होंने लैंसडाउन से बीजेपी कैंडिडेट महंत दिलीप के खिलाफ चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अनुकृति गुसाईं ने अपने इस्तीफा से जुड़ा पत्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को दे दिया है. हालांकि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया इसका कोई खास कारण नहीं बताया गया है. प्रदेश अध्यक्ष को लिखते हुए पत्र में अनुकृति गुसाईं कहती हैं कि वह व्यक्तिगत कारणों के चलते कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रही हैं.
अनुकृति गुसाईं से पहले उत्तरकाशी से दो बड़े नेताओं ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दिया. गंगोत्री से पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने 15 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया. विजयपाल सजवाण कांग्रेस के कर्मठ नेताओं में एक थे. विजयपाल सजवाण के साथ ही पुरोला से दो बार विधायक रहे मालचंद ने भी चुनावी मौसम में कांग्रेस को झटका दिया. मालचंद ने भी 15 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में घर वापसी की. इन दोनों नेताओं ने 16 मार्च को बीजेपी ज्वाइन की.