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सिराज में घर से मिला देवदार की लकड़ी का जखीरा, लाखों रुपये है बरामद स्लीपर्स की कीमत - cedar wood recovered - CEDAR WOOD RECOVERED

धवार को सिराज विधानसभा क्षेत्र की गुडा़ह पंचायत में एक घर में दबिश के दौरान देवदार के 60 स्लीपर बरामद किए गए हैं. विभाग की कार्रवाई से वन काटुओं में हड़कंप मचा हुआ है. बरामद की गई लकड़ी की लागत 4 लाख 30 हजार रुपए के करीब है. वन विभाग के अनुसार जब्त की गई लकड़ी का कुल वॉल्युम 5.096 क्यूबिक मीटर है.

CEDAR WOOD RECOVERED
बरामद की गई देवदार की लकड़ी (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 12:17 PM IST

मंडी: सिराज घाटी में वन कटुए के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है. विभाग ने सराज के घरों में दबिश देना शुरू कर दिया है. बुधवार को सिराज विधानसभा क्षेत्र की गुडा़ह पंचायत में एक घर में दबिश के दौरान देवदार के 60 स्लीपर बरामद किए गए हैं. इन स्लीपर्स को आरओ कार्यलय जंजैहली लाया गया है. अब इस लकड़ी को विभाग के डिपो में जमा करवाया जाएगा. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है.

बुधवार को वन महकमे की टीम में शामिल डीएफओ नाचन, आरओ जंजैहली, बीओ एवं फॉरेस्ट गार्ड ने कार्रवाई करते हुए राकेश कुमार पुत्र तारा चंद गांव बनसैड़ डाकघर सगंलवाड़ा के घर में छुपाकर रखे स्लीपरों की खेप को कब्जे में लिया. जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम ने कुल 30 स्लीपर्स को कब्जे में लिया. वीरवार को पूछताछ के बाद देवदार के 30 और स्लीपर बरामद किए गए.

वन विभाग की कार्रवाई वन काटुओं में हड़कंप: सराज में अवैध वन कटान के मामले आते रहते हैं. वन विभाग समय समय पर नाकेबंदी कर इन वन काटुओं पर कार्रवाई करता रहता है, लेकिन इस बार वन विभाग ने घर से ही इतनी बड़ी खेप को पकड़ा है. विभाग की कार्रवाई से वन काटुओं में हड़कंप मचा हुआ है. बरामद की गई लकड़ी की लागत 4 लाख 30 हजार रुपए के करीब है. वन विभाग के अनुसार जब्त की गई लकड़ी का कुल वॉल्युम 5.096 क्यूबिक मीटर है.

अवैध कटान नहीं होगा बर्दाश्त: डीएफओ नाचन एस‌‌‌एस कश्यप ने स्लीपर्स को कब्जे में लिए जाने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि यह सारी लकड़ी यहां गोहर से बाशा लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अवैध वन कटान को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

मलकीयत भूमि से पेड़ काटने को विभाग की अनुमति जरूरी: आरओ जंजैहली रेता राम ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपनी मलकीयत जमीन में भी देवदार, कायल, रई व अन्य प्रजातियों के पेड़ काटना चाहे तो उसे पहले वन विभाग को सूचित करना होता है. अनुमति के उपरांत ही मलकीयत भूमि से भी पेड़ को काटा जा सकता है.

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