Skin Ulcer & Petticoat Cancer : ज्यादातर भारतीय महिलाओं के लिए साड़ी उनके पहनावे का मुख्य हिस्सा है. लेकिन लेकिन एक रिसर्च का कहना है कि साड़ी को कसकर पहनने में खतरा है. बिहार और महाराष्ट्र के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर साड़ी के नीचे पेटीकोट बहुत कसकर बांधा जाए तो इससे त्वचा कैंसर हो सकता है. वर्धा के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और बिहार के मधुबनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों ने इस गंभीर स्थिति से पीड़ित दो महिलाओं का इलाज करने के बाद यह चेतावनी जारी की.
पेटीकोट कैंसर क्या है?:महिलाएं आमतौर पर साड़ी के साथ पहनने वाले पेटीकोट को कमर के चारों ओर कसकर बांधती हैं. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह अधिक है. इसके परिणामस्वरूप सूजन के साथ लगातार दर्द होता रहता है. इससे त्वचा में अल्सर हो जाता है. कुछ मामलों में यह त्वचा कैंसर में बदल जाता है. ऐसी घटना को पहले 'साड़ी कैंसर' कहा जाता था. अब बीएमजे केस रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में डॉक्टरों ने इसे 'पेटीकोट कैंसर' नाम दिया है.
केस 1 :पहले मामले में एक 70 वर्षीय महिला को 18 महीने से त्वचा पर अल्सर की समस्या थी. इससे उसे असहनीय दर्द हो रहा था. जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्होंने डॉक्टर से सलाह ली. जांच करने पर डॉक्टर ने पाया कि पेटीकोट की टाइट फिटिंग के कारण बुजुर्ग महिला के कूल्हों पर अल्सर हो गया है. फिर एक बायोप्सी की गई, जिसमें मार्जोलिन अल्सर का पता चला. इसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (अल्सरयुक्त त्वचा कैंसर) के रूप में भी जाना जाता है.
केस 2 :करीब 60 साल की एक अन्य महिला को त्वचा पर अल्सर था. वह करीब दो साल से इस अल्सर से पीड़ित थे. वह चालीस साल से अधिक समय से हर रोज पारंपरिक 'लुगड़ा' साड़ी पहन रही हैं. साथ ही लगातार कमर पर पेटीकोट कस कर बांधती थी. बायोप्सी जांच में पता चला कि उन्हें मार्जोलिन अल्सर है . आगे के परीक्षणों से पता चला कि उन्हें कैंसर है. मार्जोलिन का अल्सर दुर्लभ, लेकिन आक्रामक है. डॉक्टरों का कहना है कि यह पुरानी जलन, ठीक न होने वाले घाव, पैर के अल्सर, ट्यूबरकुलर त्वचा की गांठें, टीकाकरण और सांप के काटने के निशान में पाया जाता है.