ढाका: ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार शाम को बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर्रहमान के ढाका स्थित आवास पर भीड़ ने तोड़फोड़ की. घर को आग के हवाले कर दिया गया. तस्वीरों में घर की एक मंजिल पर आग की लपटें दिखाई दी.
बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस घटना पर टिप्पणी की. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा,'स्वतंत्र बांग्लादेश के निर्माता का आखिरी निशान आज जलकर राख हो गया. रोओ, बांग्लादेश, रोओ.'
ढाका ट्रिब्यून ने यूएनबी के हवाले से बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और गेट तोड़कर परिसर में घुस गए, जिससे बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ हुई. स्थानीय मीडिया ने इस विरोध प्रदर्शन को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के ऑनलाइन भाषण से जोड़ा.
ढाका में मुजीबुर्रहमान के घर में घुसे प्रदर्शनकारी (AP)
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया पोस्ट में पहले कहा गया था कि अगर शेख हसीना भाषण देती हैं तो शेख मुजीबुर्रहमान के धनमंडी-32 स्थित आवास की ओर 'बुलडोजर जुलूस' चलाया जाएगा. रात 10.45 बजे (स्थानीय समयानुसार) घर को गिराने के लिए एक खुदाई करने वाली मशीन लाई गई.
रात करीब 8 बजे रैली के रूप में पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने मुख्य द्वार को तोड़कर अंदर प्रवेश किया और संपत्ति में तोड़फोड़ की. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार कई प्रदर्शनकारी कथित तौर पर दूसरी मंजिल पर चढ़ गए और हथौड़ों, लोहे की छड़ों और लकड़ी के तख्तों का इस्तेमाल कर शेख मुजीबुर रहमान के चित्रों को नष्ट कर दिया तथा ऐतिहासिक घर के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाया.
ढाका में मुजीबुर्रहमान के घर में घुसकर तोड़फोड़ करते प्रदर्शनकारी (AP)
इससे पहले दिन में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा, 'आज रात बांग्लादेश की भूमि फासीवाद से मुक्त हो जाएगी.' रिपोर्ट के अनुसार इंकलाब मंच के संयोजक और जातीय नागोरिक समिति के सदस्य शरीफ उस्मान हादी सहित अन्य लोगों ने भी हमले की चेतावनी देते हुए पोस्ट साझा किए.
यह पहली बार नहीं है जब धनमंडी-32 को निशाना बनाया गया. इससे पहले 5 अगस्त को भी प्रदर्शनकारियों ने घर पर हमला किया था, तोड़फोड़ की थी और घर के कुछ हिस्सों में आग लगा दी थी.